बर्मिंघम, आठ अगस्त भारत के अनुभवी टेबल टेनिस खिलाड़ी अचंता शरत कमल ने राष्ट्रमंडल खेलों में पुरुष एकल स्पर्धा के फाइनल में सोमवार को यहां इंग्लैंड के लियाम पिचफोर्ड को 4 -1 से हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इस स्पर्धा का कांस्य साथियान ज्ञानशेखर ने जीता।
शानदार लय में चल रहे 40 साल के शरत ने उम्र को धता बताते हुए रैंकिंग में अपने से बेहतर खिलाड़ी के खिलाफ पहला गेम गंवाने के बाद वापसी करते हुए 11-13, 11-7, 11-2, 11-6, 11-8 से जीत दर्ज की। शरत की विश्व रैंकिंग 39वीं है जबकि पिचफोर्ड 20वें स्थान पर काबिज हैं।
शरत का इन खेलों में यह कुल 13वां पदक है। उन्होंने बर्मिंघम खेलों में चार पदक जीते। वह 2006 में मेलबर्न खेलों में फाइनल में पहुंचे थे और स्वर्ण पदक जीता था ।
इससे पहले साथियान ने इंग्लैंड के ही पॉल ड्रिंकहाल को हराकर पुरुष एकल स्पर्धा का कांस्य पदक जीता।
एकल रैंकिंग में 35वें स्थान पर काबिज साथियान ने शुरुआती तीन गेम जीतकर शानदार शुरुआत की लेकिन रैंकिंग में 74वें स्थान वाले खिलाड़ी ड्रिकहॉल ने शानदार वापसी करते हुए मुकाबला 3-3 से बराबर कर लिया। निर्णायक सातवां गेम भी बेहद करीबी रहा।
साथियान ने दर्शकों से खचाखच भरे स्टेडियम में खेले गये इस रोमांचक मुकाबले को 11-9, 11-3, 11-5, 8-11, 9-11, 10-12, 11-9 से अपने नाम किया।
पिछले दो राष्ट्रमंडल खेलों में साथियान का यह छठा पदक है। मौजूदा खेलों में यह उनका दूसरा पदक है। उन्होंने शरत कमल के साथ पुरुष युगल का रजत पदक जीता था।
शरत और साथियान ने इसके साथ ही पुरुष युगल के फाइनल में पिचफोर्ड और ड्रिंकहॉल से मिली हार का भी बदला ले लिया।
आनन्द सुधीर
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