स्विट्जरलैंड ने माना, अवैध रूप से गोद लिए गए हजारों बच्चे
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

स्विट्जरलैंड ने स्वीकार किया है कि 1970 से 1990 के बीच हजारों बच्चे अवैध रूप से गोद लेकर वहां लाए गए थे.स्विट्जरलैंड की सरकार ने कहा है कि 1970 से 1990 के बीच दुनियाभर से हजारों बच्चे अवैध रूप से गोद लेकर वहां लाए गए थे. ये तथ्य बाहर आने के बाद विदेश से गोद लेने के लिए बनाए गए कानूनों में बदलाव की मांग हो रही है.

2020 में सबसे पहले इस मामले ने तूल पकड़ा था. तब दर्जनों ऐसे लोगों ने गवाही दी थी जिन्हें श्रीलंका से अवैध रूप से गोद लिया गया था. उस जांच के बाद जारी एक रिपोर्ट में कहा गया था कि "स्पष्ट संकेत होने के बावजूद” अधिकारी उचित उपाय करने में नाकाम रहे.

हजारों हुए शिकार

तब सरकार ने दूसरी जांच बिठाई. ज्यूरिख की यूनिवर्सिटी ऑफ अप्लाईड साइंसेज द्वारा की गई इस जांच में बांग्लादेश, ब्राजील, चिली, कोलंबिया, ग्वाटेमाला, भारत, लेबनान, पेरू, रोमानिया और दक्षिण कोरिया से बच्चे गोद लेने के मामलों की जांच की गई.

इस जांच समिति की रिपोर्ट आने के बाद शुक्रवार को सरकार ने कहा, "अवैध गतिविधियों, बच्चों की तस्करी, फर्जी दस्तावेजों और बच्चों के मूल देश के बारे में जानकारी ना होने जैसे संकेत मिले हैं. जितनी संख्या में प्रवेश पत्र जारी किए गए, उनसे संकेत मिलता है कि उस समय हजारों बच्चे अनियमितताओं का शिकार हुए.”

सबसे ज्यादा भारतीय

जूरिख यूनिवर्सिटी के जांचकर्ताओं ने पाया कि 1970 से 1990 के बीच आठ हजार बच्चों को स्विट्जरलैंड के प्रवेश पत्र जारी किए गए थे. इनमें से सबसे ज्यादा 2,799 बच्चे भारत से थे. उसके बाद कोलंबिया (2,122), ब्राजील (1,222) और दक्षिण कोरिया (1065) से सबसे ज्यादा बच्चों को लाया गया.

अपने बयान में सरकार ने माना है कि विदेश से गोद लेने के मामलों में अनियमितताएं हुईं. सरकार ने कहा, "इस बात का खेद है कि अधिकारियों ने बच्चों और उनके परिवारों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का पूरी तरह से निर्वाह नहीं किया. अधिकारियों की तरफ से हुईं ये लापरवाहियां आज तक उन गोद लिए गए लोगों के जीवन को प्रभावित कर रही हैं.”

सरकार ने कहा है कि इन प्रभावित लोगों की मदद का जिम्मा देश के 26 स्थानीय प्रशासनिक क्षेत्रों का है.

वीके/एए (एएफपी)