देश की खबरें | आत्मसमर्पण कर चुके नक्सलियों और पीड़ित परिवारों को पुनर्वास नीति के तहत मिलेगा आवास

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. छत्तीसगढ़ में आत्मसमर्पण कर चुके नक्सलियों और नक्सली घटनाओं के पीड़ित परिवारों को पुनर्वास नीति के तहत आवास देने का फैसला किया गया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

रायपुर, 29 नवंबर छत्तीसगढ़ में आत्मसमर्पण कर चुके नक्सलियों और नक्सली घटनाओं के पीड़ित परिवारों को पुनर्वास नीति के तहत आवास देने का फैसला किया गया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में आत्मसमर्पण कर चुके नक्सलियों और नक्सली घटनाओं के पीड़ित परिवारों के पुनर्वास के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत 15 हजार आवासों की स्वीकृति दी है।

केंद्र सरकार की स्वीकृति को लेकर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि आत्मसमर्पण कर चुके नक्सलियों और नक्सली घटनाओं के पीड़ित परिवारों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए यह एक बड़ा कदम है।

साय ने कहा है, ''प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत 15 हजार आवास केवल मकान नहीं बल्कि उन परिवारों के लिए सम्मान और सुरक्षा का प्रतीक हैं। हमारी सरकार इस योजना को पूरी पारदर्शिता और तत्परता के साथ लागू करेगी।''

उन्होंने कहा कि यह योजना राज्य के विकास और शांति स्थापना की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। नक्सली घटनाओं के पीड़ित परिवारों और आत्मसमर्पण कर चुके नक्सलियों को बेहतर जीवन देने के लिए हमारी सरकार संकल्पबद्ध है।''

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि इस योजना में विशेष रूप से उन परिवारों को शामिल किया जाएगा जिनका नाम सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना 2011 और आवास प्लस 2018 की सूची में शामिल नहीं था। इन नामों को छह दिसंबर 2024 तक आवास प्लस पोर्टल पर अपलोड करने की अनुमति केंद्र सरकार द्वारा दी गई है।

अधिकारियों ने बताया कि उपमुख्यमंत्री शर्मा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर आत्मसमर्पण कर चुके नक्सलियों और नक्सली घटनाओं के पीड़ित परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवास देने का निवेदन किया था। परिणामस्वरूप 15 हजार आवास की स्वीकृति दी गयी है।

उपमुख्यमंत्री शर्मा ने बताया कि इस विशेष परियोजना के तहत पुलिस अधीक्षक, जिले के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) जिला पंचायत को नामों की सूची प्रदान करेंगे। इसके बाद जिला पंचायत द्वारा इस सूची का सर्वेक्षण और सत्यापन किया जाएगा। सत्यापन के बाद कलेक्टर के माध्यम से लाभार्थियों के लिए भूमि चिह्नित की जाएगी। इसके आधार पर प्रधानमंत्री आवास योजना के दिशानिर्देशों के अनुरूप आवास निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\