देश की खबरें | उच्चतम न्यायालय का व्हाट्सएप की नयी निजता नीति के खिलाफ याचिका पर विचार से इनकार

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को एक याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया जिसमें व्हाट्सएप को अपनी नयी निजता नीति को वापस लेने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया। याचिका में कहा गया कि यह नीति कथित तौर पर कानून का उल्लंघन करती है और इससे देश की सुरक्षा पर असर पड़ सकता है।

नयी दिल्ली, पांच फरवरी उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को एक याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया जिसमें व्हाट्सएप को अपनी नयी निजता नीति को वापस लेने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया। याचिका में कहा गया कि यह नीति कथित तौर पर कानून का उल्लंघन करती है और इससे देश की सुरक्षा पर असर पड़ सकता है।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा कि इस मामले पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने सुनवाई की है और याचिकाकर्ता उचित समाधान तलाश सकता है। पीठ में न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन भी थे।

‘कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स’ द्वारा दाखिल याचिका में मामले में केंद्र से हस्तक्षेप करने और व्हाट्सएप, फेसबुक जैसी बड़ी प्रौद्योगिकी आधारित कंपनियों के लिए दिशा-निर्देश तय करने को लेकर निर्देश देने का अनुरोध किया गया।

अधिवक्ता विवेक नारायण शर्मा के जरिए दाखिल याचिका में कहा गया कि केंद्र द्वारा संवैधानिक कर्तव्य निभाने और भारत के नागरिकों की निजता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा कर पाने में कथित नाकामी के कारण जनहित याचिका दाखिल करना जरूरी हो गया।

याचिका में दावा किया गया, ‘‘प्रतिवादी नंबर एक-केंद्र सरकार ने प्रतिवादी संख्या दो से चार को भारत में व्हाट्सएप का संचालन करने की अनुमति दी है, लेकिन नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करने के लिए अभिभावक की भूमिका निभाने में वह नाकाम रहा। नागरिकों को संवाद सेवा मुहैया कराने वाले व्हाट्सएप ने हाल में असंवैधानिक शर्तें लगायी जो ना केवल कानून का उल्लंघन है बल्कि इससे देश की सुरक्षा पर भी असर पड़ सकता है।’’

याचिका में कहा गया, ‘‘चार जनवरी 2021 को व्हाट्सएप ने अपनी नयी नीति पेश की और प्रयोक्ताओं के लिए फेसबुक और समूह की कंपनियों के साथ डाटा साझा करने को लेकर सहमति देना जरूरी बना दिया गया।’’

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि व्हाट्सएप की अद्यतन निजता नीति से नागरिकों की निजता के मौलिक अधिकारों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।

याचिका में व्हाट्सएप, फेसबुक इंक और फेसबुक इंडिया को प्रयोक्ताओं के विवरण और डाटा साझा करने से रोकने के लिए केंद्र को निर्देश देने का अनुरोध किया गया। याचिका में केंद्र को व्हाट्सएप, फेसबुक और इंटरनेट आधारित अन्य सेवाओं के कामकाज का नियमन करने के लिए केंद्र को निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया।

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