नयी दिल्ली, 18 नवंबर उच्चतम न्यायालय ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए दो बच्चों की नीति लागू करने संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई से शुक्रवार को इनकार कर दिया और कहा कि इस मुद्दे पर सरकार को गौर करना है।
जन्म में वृद्धि के बावजूद भारत की जनसंख्या स्थिर होने के बारे में मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि यह कोई ऐसा मुद्दा नहीं है, जिस पर अदालत को हस्तक्षेप करना चाहिए।
न्यायमूर्ति एस.के. कौल और न्यायमूर्ति ए.एस.ओका ने कहा कि जनसंख्या कोई ऐसी चीज नहीं है जो किसी एक दिन रुक जाएगी।
याचिकाकर्ता एवं अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने कहा कि इस मुद्दे पर विधि आयोग की एक रिपोर्ट बहुत महत्वपूर्ण है।
उपाध्याय ने उच्चतम न्यायालय ने याचिका दायर कर दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें बढ़ती आबादी को नियंत्रित करने के लिए दो बच्चों के मानदंड सहित कुछ कदमों के अनुरोध वाली याचिका खारिज कर दी गई थी।
शीर्ष अदालत द्वारा याचिका पर सुनवाई से इनकार के बाद उपाध्याय ने इसे वापस ले लिया। उनकी याचिका के अलावा, पीठ ने इस मुद्दे पर दायर कुछ अन्य याचिकाओं पर विचार करने से भी इनकार कर दिया, जिसके बाद संबंधित अधिवक्ताओं ने उन्हें वापस ले लिया।
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