न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ को ईडी की ओर से पक्ष रख रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू की ओर से एक नोट दिया गया जिसमें उन्होंने केजरीवाल की इस दलील का विरोध किया कि जांच एजेंसी ने सरकारी गवाहों के बयानों को दबाया है।
न्यायालय ने ईडी से दिल्ली आबकारी नीति घोटाले पर पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी से पहले और बाद की केस फाइलों को पेश करने को कहा।
न्यायालय ने ईडी से केजरीवाल की गिरफ्तारी से पहले की केस फाइल भी मांगीं।
केजरीवाल को इस मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और वह न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं।
शीर्ष अदालत ने 15 अप्रैल को ईडी को नोटिस जारी किया था और केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरुद्ध उनकी याचिका पर जवाब मांगा था।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने नौ अप्रैल को केजरीवाल की गिरफ्तारी को बरकरार रखते हुए कहा था कि इसमें कुछ भी अवैध नहीं है और केजरीवाल के बार-बार समन की अवहेलना करने के बाद ईडी के पास बहुत कम विकल्प बचे हैं।
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