जयपुर, 21 जून बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए तथा राज्य की अशोक गहलोत सरकार का समर्थन कर रहे निर्दलीय विधायकों की बुधवार को यहां बैठक होगी। कहा जा रहा है कि यह बैठक राज्य के मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा के लिए बुलाई गयी है।
यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब राज्य सरकार ने हाल ही में अनेक नगरपालिकों व नगर परिषदों में बहुप्रतीक्षित राजनीतिक नियुक्तियां करनी शुरू की है और राज्य मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा फिर जोरों पर है।
साल 2018 का विधानसभा चुनाव बसपा की टिकट पर जीतने के बाद कांग्रेस में शामिल होने वाले विधायक पहले ही राज्य में पायलट खेमे के खिलाफ आलाकमान पर दबाव बना रहे हैं। इन विधायकों का कहना है कि आलाकमान को उन लोगों को इनाम देना चाहिए जो पिछले साल राजनीतिक संकट में राज्य सरकार के साथ खड़े रहे।
एक निर्दलीय विधायक ने कहा, ‘‘सरकार पर अनावश्यक हमले किए जा रहे हैं। इन सब राजनीतिक हालात पर चर्चा करने के लिए हम विधायक यहां एक होटल में बैठक करने जा रहे हैं।’’ बैठक में मुख्य रूप से संभावित मंत्रिमंडल विस्तार, राजनीतिक नियुक्तियों तथा सरकार को समर्थन पर चर्चा होने की उम्मीद है।
राज्य में 13 विधायक निर्दलीय हैं जबकि छह विधायक बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए हैं। इनमें से एक विधायक विदेश में है। बाकी विधायकों के बैठक में शामिल होने की संभावना है।
एक विधेयक के अनुसार,‘‘ हम विधायकों ने पिछले साल चुनी हुई सरकार को गिराने के प्रयास के दौरान सरकार को बचाने में मदद की थी। बैठक में राज्य के मौजूदा हालात पर चर्चा होगी।’’
राज्य सरकार की ओर से पिछले दिनों में विभिन्न नगर निकायों में पार्षद मनोनीत किए गए हैं। कुल मिलाकर 85 निकायों- नगरपालिका व नगरपरिषद में 461 पार्षद मनोनीत किए हैं। राज्य में करीब 25 से 30 हजार राजनीतिक नियुक्तियां होनी हैं। इसके अलावा राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार व फेरबदल भी लंबे समय से अपेक्षित है। मौजूदा संख्या के हिसाब से राज्य मंत्रिमंडल में नौ और मंत्री बनाए जा सकते हैं।
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