जरुरी जानकारी | सुपरटेक दिवाला मामला: ऋणदाता ने एकमुश्त निपटान के रूप में 75 करोड़ रुपये जमा करने को कहा

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नयी दिल्ली, 18 मई रियल्टी कंपनी सुपरटेक के वित्तीय लेनदार यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने दिवालिया प्रकिया के तहत एकमुश्त निपटान (ओटीएस) पर विचार करने को लेकर अग्रिम नकदी के रूप में 75 करोड़ रुपये जमा करने के लिए कहा है।

राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की कार्यवाही के दौरान सुपरटेक के वकील ने बताया कि कंपनी ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ कई दौर की चर्चा की थी।

सुपरटेक ने ओटीएस के रूप में 10 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान करने की पेशकश की थी। हालांकि, बैंक ने निपटान के लिए विचार करने की शर्त के रूप में 75 करोड़ रुपये जमा करने की मांग की है।

एनसीएलएटी के 17 मई के आदेश के अनुसार, ‘‘अपीलकर्ता सुपरटेक ने ओटीएस के रूप में 10 करोड़ और विशेष सुरक्षा के आधार पर 55 करोड़ रुपये के साथ 10 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान करने की पेशकश की है। जबकि बैंक ने ओटीएस पर विचार करने के लिए 75 करोड़ रुपये अग्रिम रूप से जमा करने के लिए कहा है।’’

यूनियन बैंक के वकील ने एनसीएलएटी को बताया कि बैंक की नीति के अनुसार, वह बकाया राशि का 15 से 20 प्रतिशत अग्रिम मांगने का पूरी तरह से हकदार है। इसके बाद प्राधिकरण ने बैंक से उस नीति की प्रति जमा करने के लिए कहा है।

इस बीच, सुनवाई के दौरान सुपरटेक के घर खरीदारों ने भी ट्विन टावर मामले में पैसा वापसी को लेकर अपने वकील पीयूष सिंह के जरिये मामले में हस्तक्षेप किया।

इसे लेकर एनसीएलटी ने कहा, ‘‘हम स्पष्ट कर रहे है कि इस अपील में सुपरटेक के ट्विन टावर को लेकर कुछ नहीं है।’’

गौरतलब है कि एनसीएलटी की दिल्ली पीठ ने 25 मार्च, 2022 को सुपरटेक के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू की थी। बैंक ने लगभग 432 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान नहीं करने के लिए यह याचिका दायर की थी।

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