देश की खबरें | छत्तीसगढ़ में संपत्ति संबंधी धोखाधड़ी को रोकने के लिए ‘सुगम ऐप’ की शुरुआत
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. छत्तीसगढ़ में संपत्ति संबंधी धोखाधड़ी को रोकने के लिए ‘सुगम ऐप’ की शुरुआत आत की गई है। राज्य में इस ऐप के माध्यम से 1200 से अधिक रजिस्ट्री की जा चुकी हैं। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
रायपुर, 24 अक्टूबर छत्तीसगढ़ में संपत्ति संबंधी धोखाधड़ी को रोकने के लिए ‘सुगम ऐप’ की शुरुआत आत की गई है। राज्य में इस ऐप के माध्यम से 1200 से अधिक रजिस्ट्री की जा चुकी हैं। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य में रजिस्ट्री प्रक्रिया को पारदर्शी और जनता के लिए अधिक सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से ‘सुगम ऐप’ की शुरुआत की गई है। ऐप का संचालन 21 अक्टूबर से शुरू हो गया जिसके बाद से राज्य में 1200 से अधिक रजिस्ट्री की जा चुकी हैं।
राज्य के वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि ‘सुगम ऐप’ संपत्ति संबंधी धोखाधड़ी रोकने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
अक्सर ऐसी शिकायतें सामने आती हैं कि रजिस्ट्री के बाद एक सामान्य आदमी कई प्रकार से फर्जीवाड़ा का शिकार हो जाता है जैसे कि रजिस्ट्री दस्तावेज में दिया गया संपत्ति का विवरण तथा मौके की स्थिति में अंतर होना, एक संपत्ति कई लोगों को बेच दिया जाना, जिसकी रजिस्ट्री की गई है, वह जमीन वास्तव में अस्तित्व में है या नहीं।
चौधरी ने कहा, ‘‘ऐसी घटनाएं भी प्रकाश में आती रहती हैं कि सड़क, रास्ता, उद्यान आदि की जमीन भी बेच दी गई है। मौके में जितनी जमीन उपलब्ध है, उससे अधिक रकबा बेच दिये जाने की घटनाएं भी होती रहती हैं। ऐसी घटनाओं से आपसी लड़ाई-झगड़े तथा मुकदमेबाजी में वृद्धि होती है।’’
उन्होंने कहा कि ‘सुगम ऐप’ में पक्षकार को रजिस्ट्री की प्रकिया के दौरान अपना मोबाइल लेकर उस स्थान में जाना होगा, जिस जमीन रजिस्ट्री की जानी है और ऐप पर उस स्थान डालना होगा।
चौधरी ने कहा, ‘‘वह फोटो स्वतः ही रजिस्ट्रार के माड्यूल में चली जाएगी। उस स्थान की भौगोलिक स्थिति रजिस्ट्री पेपर में फोटो के साथ दर्ज हो जाएगी। इस प्रकार संपत्ति की वास्तविक भौगोलिक स्थिति रजिस्ट्री पेपर में स्थायी रूप से अंकित रहेगा, जिससे पक्षकार कभी भी उस स्थान पर जाकर संपत्ति की पहचान कर सकता है।’’
चौधरी ने कहा कि ‘सुगम ऐप’ से राजस्व क्षति की घटनाओं पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐप से संपत्ति की वास्तविक संरचना के संबंध में जानकारी मिल सकेगी, जिससे भवन, सड़क, फैक्टरी आदि संरचनाओं को छिपाया नहीं जा सकेगा। ऐसे में सरकार को होने वाली राजस्व हानि रोकी जा सकेगा।’’
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