जरुरी जानकारी | वैश्विक स्तर पर नरमी के बीच मानक सूचकांक सेंसेक्स, निफ्टी 1.8 प्रतिशत से अधिक टूटे
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मुंबई, 14 जुलाई वैश्विक बाजारों में गिरावट से सहमे स्थानीय शेयर बाजारों में मंगलवार को बिकवाली का दबाव बढ गया और प्रमुख सूचकांकों में 1.8 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गयी। यह करीब पांच सप्ताह में किसी एक दिन में बड़ी गिरावट है।
अमेरिकी-चीन के बीच तनाव और कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच वैश्विक स्तर पर गिरावट के साथ घरेलू शेयर बाजार नीचे आये।
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तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 660.63 अंक यानी 1.80 प्रतिशत की गिरावट के साथ 36,033.06 अंक पर बंद हुआ।
इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 195.35 अंक यानी 1.81 प्रतिशत की गिरावट के साथ 10,607.35 अंक पर बंद हुआ।
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बैंक शेयरों में बिकवाली जारी रही। इसमें 3 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गयी। इसके अलावा धातु और वाहन कंपनियों के शेयरों में बिकवाली देखी गयी। इनमें 2.5-2.5 प्रतिशत की गिरावट आयी।
एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक दोनों के शेयर एचडीएफसी बैंक के इस बयान के बाद उसका शेयर नीचे आ गये कि उसने वाहन कर्ज गतिविधियों की जांच शुरू की है।
बैंक के एक अधिकारी के वाहन कर्ज व्यवस्था को लेकर सवाल उठाये जाने के बाद जांच के आदेश दिये गये हैं। अधिकारी इस साल 31 मार्च को सेवानिवृत्त हुए।
इसके अलावा इंडसइंड बैंक, एक्सिस बैंक, मारुति, बजाज फिनसर्व, पावरग्रिड और एसबीआई में भी अच्छी-खासी गिरावट दर्ज की गयी।
वहीं दूसरी तरफ टाइटन, भारती एयरटेल और बजाज ऑटो लाभ के साथ बंद हुए।
एलकेपी सिक्युरिटीज के शोध प्रमुख एस रंगनाथन ने कहा, ‘‘वित्तीय और धातु कंपनियों के शेयरों में गिरावट से प्रमुख सूचकांकों में करीब 2 प्रतिशत की गिरावट आयी। हमने प्रमुख वाहन शेयरों में मुनाफावसूली को देखा। इसका कारण पहली तिमाही के बिक्री के आंकड़े का सामने आना है।’’
कारोबारियों के अनुसार अमेरिका-चीन के बीच बढ़ते तनाव और कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों ने भी घरेलू बाजार में निवेशकों की धारणा प्रभावित की है।
अमेरिका ने सोमवार को साफ तौर पर कहा कि चीन का विभिन्न क्षेत्रों को लेकर आक्रमक नजरिये का 21वीं सदी में कोई स्थान नहीं है। साथ ही दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में साम्यवादी देश के दावे को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि क्षेत्र पर एकतरफा अपनी इच्छा थोपने को लेकर उसका कोई कानूनी आधार नहीं है।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘बाजार ने वैश्विक बाजारों के साथ तालमेल को प्रदर्शित किया है। इसके अलावा संक्रमण के बढ़ते मामलों से भी बाजार में अनिश्चितता है। अमेरिका में सक्रमण के बढ़ते मामले और अमेरिका-चीन के बीच तनाव फिर से चर्चा में है।’’
उन्होंने कहा कि इसके अलावा भारतीय बजार में स्थानीय स्तर पर ‘लॉकडाउन’ से भी चिंता बढ़ी है। इससे कंपनियों के लिये पुनरूद्धार की गति धीमी पड़ेगी।
इस बीच, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 23 पैसे टूटकर 75.42 पर पहुंच गया।
वहीं अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड का वादा भाव 0.73 प्रतिशत घटकर 42.41 डॉलर प्रति बैरल रहा।
दुनिया के अन्य प्रमुख बाजारों में चीन का शंघाई, हांगकांग, जापान का तोक्यो और दक्षिण कोरिया का सोल काफी नुकसान में रहे।
यूरोप के प्रमुख बाजारों में भी शुरूआती कारोबार में गिरावट का रुख रहा।
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