उच्च सदन में सत्तापक्ष एवं विपक्ष के सदस्यों के हंगामे के कारण शून्यकाल एवं प्रश्नकाल भी नहीं हो सका और बैठक को एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजकर करीब 15 मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। सोमवार को भी उच्च सदन में इसी मुद्दे पर गतिरोध बना रहा था।
सदन के नेता पीयूष गोयल ने राहुल गांधी का नाम लिये बिना कहा कि वह जिस विषय पर बोल रहे हैं, वह बहुत गंभीर विषय है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार संसद की अवमानना की गयी है और जिस प्रकार देश की अस्मिता को आहत किया गया है, उसमें उस नेता को सदन में आकर माफी मांगनी चाहिए।
गोयल ने कहा कि विपक्ष के एक नेता ने विदेशी भूमि में जाकर संसद के बारे में ‘‘ओछी बातें’’ कही हैं। उन्होंने कहा कि एक विपक्षी नेता का यह बयान ऐसे समय आया है जबकि भारत को जी20 की अध्यक्षता मिली हुई है और पूरे विश्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की चर्चा हो रही है। उन्होंने कहा कि यहां तक कि इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता हैं और पूरा विश्व उनकी तरफ इस आकर्षण से देख रहा है कि वह दुनिया की समस्याओं का समाधान करने में मदद कर सकते हैं।
सदन के नेता ने सभापति जगदीप धनखड़ से अनुरोध किया कि वह संबंधित नेता को यह निर्देश दें कि वह सदन में आकर माफी मांगें।
कांग्रेस के शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि यहां सदन के नेता ने जो बात कही, वह लोकसभा के एक सदस्य के लिए है।
गोहिल ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में एक विशेषाधिकार हनन नोटिस भी दिया है जिसमें पुराने ऐसे कई मामलों का संदर्भ दिया गया है। उन्होंने कहा कि भले ही किसी का नाम नहीं लिया गया हो पर इस सदन में लोकसभा के किसी सदस्य का सामान्य तौर पर जिक्र नहीं हो सकता है।
इस पर सभापति धनखड़ ने कहा कि कल सदन के नेता ने एक विषय उठाया था जिस पर उन्होंने विचार किया। उन्होंने कहा कि उन्हें आज विपक्ष के नेता और सदन के कई वरिष्ठ सदस्यों से चर्चा करने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि आज इस बारे में दोपहर ढाई बजे एक और बैठक होने वाली है।
धनखड़ ने कहा कि कांग्रेस सदस्य गोहिल ने उनके पास एक संवाद (नोटिस) भेजा है। उन्होंने कहा कि इस संवाद की परिकल्पना बहुत अच्छी तरह से तैयार की गयी है किंतु इसमें वास्तविक स्थिति को सही ढंग से इंगित नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि गोहिल से संबंधित तथ्यों को उपलब्ध कराने को कहा गया है।
उन्होंने कहा कि इस बारे में वह यथाशीघ्र अपनी व्यवस्था देंगे और इसे शायद आज या कल सुनाया जाए।
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार पार्टी सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने सदन के नेता गोयल के खिलाफ मंगलवार को विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया और आरोप लगाया कि गोयल ने लोकसभा के एक सदस्य के खिलाफ आरोप लगाकर उच्च सदन के नियमों एवं प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया है।
सूत्रों के अनुसार सभापति धनखड़ को नियम 188 के तहत दिए नोटिस में गोहिल ने कहा कि गोयल ने उस नियम 238 का हनन किया है ‘जो स्पष्ट रूप से कहता है कि कोई भी सदस्य किसी दूसरे सदस्य या दूसरे सदन के सदस्य के खिलाफ मानहानिकारक एवं अभियोगात्मक प्रकृति वाला कोई आरोप नहीं लगा सकता।’
सभापति ने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को भी उनकी बात रखने का अवसर दिया। यादव ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 79 में ‘‘संसद’’ शब्द का प्रयोग किया गया है। उन्होंने कहा कि संसद में लोकसभा एवं राज्यसभा, दोनों आते हैं।
उन्होंने कहा कि 1957 में लोकसभा के एक सदस्य एन सी चटर्जी ने चेन्नई में जाकर राज्यसभा के समुचित कामकाज नहीं करने के बारे में बोला था जिसका उच्च सदन ने संज्ञान लिया था। राज्यसभा की नियम पुस्तिका के अनुसार चटर्जी भले ही दूसरे सदन के सदस्य थे किंतु उन्होंने उच्च सदन के कामकाज पर बोला था, इसलिए यहां उस पर संज्ञान लिया गया।
यादव ने एक अन्य मामले का हवाला देते हुए कहा कि 1987 में सोमनाथ चटर्जी ने तत्कालीन रक्षा राज्य मंत्री अरुण सिंह के खिलाफ लोकसभा में विशेषाधिकार हनन नोटिस पर सवाल किया क्योंकि सिंह राज्यसभा के सदस्य थे।
केंद्रीय मंत्री यादव ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लंदन में चूंकि संसद के बारे में कहा है और संसद में दोनों सदन आते हैं। उन्होंने कहा कि इसलिए कोई भी व्यक्ति जानबूझकर संसद की कार्यवाही को बाधित करने, अपमानित करने, किसी विदेशी शक्ति के हस्तक्षेप करने की बात कहता है तो निश्चित रूप से सदन के नेता गोयल ने जो विषय उठाया है, वह बिलकुल सही है, वह अवमानना का विषय और उनको (गांधी को) देश से माफी मांगनी चाहिए।
इसके बाद सभापति ने आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा को उनकी बात रखने का अवसर दिया। किंतु जैसे ही चड्ढा ने अपनी बात शुरू की, सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के सदस्यों ने नारेबाजी और हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे के चलते सभापति ने बैठक को दोपहर दो बजकर करीब 15 मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।
इससे पहले, एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे बैठक फिर शुरू होने पर वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने वित्त वर्ष 2022-23 की अनुदान की अनुपूरक मांगों और जम्मू कश्मीर की अनुदान की अनुपूरक मांगों और बजट को सदन के पटल पर रखा।
सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर सभापति ने बताया कि कांग्रेस के प्रमोद तिवारी, अखिलेश प्रसाद सिंह, के सी वेणुगोपाल सहित कुछ अन्य नेताओं ने अडाणी समूह से जुड़े मामलों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने में सरकार की विफलता को लेकर नियम 267 के तहत कार्यस्थगन कर तत्काल चर्चा की मांग की है। आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और तेलंगाना राष्ट्र समिति के सदस्य के केशव राव ने भी इसी से संबंधित नोटिस दिए थे।
इसके बाद, सिंह और आप के एक अन्य सदस्य सुशील कुमार गुप्ता नोटिस खारिज किए जाने के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए आसन के निकट आकर नारेबाजी करने लगे।
कांग्रेस के शक्ति सिंह गोहिल और उनकी पार्टी के अन्य सदस्यों ने भी आसन के समक्ष नारेबाजी शुरु कर दी। नारेबाजी कर रहे सदस्य अडाणी मुद्दे पर चर्चा और जेपीसी के गठन की मांग कर रहे थे।
धनखड़ ने नारेबाजी कर रहे सदस्यों को शांत करने की कोशिश की लेकिन सदस्य अपने स्थानों पर ही रहे और नारेबाजी करते रहे। इस बीच, सभापति ने सदन के नेता गोयल को अपनी बात कहने के लिए कहा।
गोयल ने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर कहा कि विपक्ष के एक नेता ने विदेशी धरती पर जो बयान दिया है वह देश की अस्मिता और सभी सांसदों के स्वाभिमान से जुड़ा है। गोयल ने कहा, ‘‘उन्हें यहां आकर माफी मांगनी पड़ेगी।’’
इस बीच विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी और हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा बढ़ते देख सभापति ने 12 बजकर करीब सात मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
माधव ब्रजेंद्र मनीषा
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