विदेश की खबरें | श्रीलंका में अदालत ने तमिल नेता की हत्या के मामले में बाल-सैनिक से सांसद बने चंद्रकांतन को बरी किया

कोलंबो, 13 जनवरी लिट्टे के पूर्व बाल-सैनिक और बाद में राजनीति में आए सिवनेसतुरई चंद्रकांतन को 2005 में हुई एक वरिष्ठ तमिल नेता की हत्या के मामले में श्रीलंका की एक अदालत ने बुधवार को बरी कर दिया।

सिवनेसतुरई (45) पर तमिल नेशनल एलायंस (टीएनए) के सांसद जोसेफ प्रजाराजसिंहम की हत्या का आरोप था।

मीडिया में आई खबरों के अनुसार बट्टीकलोआ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एस सुसैदसन ने सिवनेसतुरई के खिलाफ दर्ज मामले को खारिज करने का आदेश दिया।

उन्हें इससे पहले जमानत पर रिहा कर दिया गया था।

मामले में संदिग्ध चार अन्य लोगों को भी बरी कर दिया गया।

अज्ञात बंदूकधारियों ने 2005 में बट्टीकलोआ स्थित सेंट मैरी चर्च में आधी रात के दौरान प्रजाराजसिंहम की तब हत्या कर दी थी जब वह क्रिसमस समारोह में थे।

अटॉर्नी जनरल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता ने अदालत को सूचित किया कि मामले में साक्ष्य दायर करने और मामले को आगे बढ़ाने की कोई आवश्यकता नहीं है।

चंद्रकांतन श्रीलंका में स्वतंत्र तमिल देश की मांग को लेकर तीन दशक तक सशस्त्र संघर्ष करने वाले लिट्टे के बाल सैनिक थे। संगठन ने 1990 में बाल सैनिक के रूप में उनकी भर्ती तब की थी जब वह 16 साल के थे।

वह 2004 में लिट्टे से अलग हो गए और तमिल मक्कल विदुथलाई पुलिकल पार्टी के उपनेता बन गए। उनके नेतृत्व में पार्टी ने एक बड़े गठबंधन के तहत श्रीलंका की पूर्वी प्रांतीय परिषद का चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। इस तरह वह मई 2008 में प्रांत के पहले मुख्यमंत्री बने।

वर्ष 2015 में तत्कालीन राष्ट्रपति महिन्दा राजपक्षे की हार और सरकार बदलने के बाद चंद्रकांतन को उस साल अक्टूबर में गिरफ्तार कर लिया गया।

पांच अगस्त 2020 को हुए आम चुनाव में चंद्रकांत संसद के लिए निर्वाचित हुए और राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे की वर्तमान सरकार का हिस्सा बन गए।

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