देश की खबरें | लंबित मामलों में खास तरह की मीडिया रिपोर्टिग प्रतिंबंधित : अटॉर्नी जनरल ने न्यायालय से कहा

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने लंबित मामलों में खास तरह की रिपोर्टिंग का जिक्र करते हुये मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में कहा कि यह ‘पूरी तरह से वर्जित है’ और इससे न्यायालय की अवमानना हो सकती है।

एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, 13 अक्टूबर अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने लंबित मामलों में खास तरह की रिपोर्टिंग का जिक्र करते हुये मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में कहा कि यह ‘पूरी तरह से वर्जित है’ और इससे न्यायालय की अवमानना हो सकती है।

अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने अधिवक्ता प्रशांत भूषण और पत्रकार तरुण तेजपाल के खिलाफ 2009 के अवमानना मामले में न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष यह टिप्पणी की। वेणुगोपाल इस मामले में न्यायालय की मदद कर रहे हैं।

यह भी पढ़े | Andhra Pradesh: आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में प्रेम प्रस्ताव को ठुकराने पर युवक ने युवती पर पेट्रोल डालकर जलाया, मौके पर मौत.

वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस मामले में संक्षिप्त सुनवाई के दौरान वेणुगोपाल ने अदालतों में लंबित मामलों पर ‘इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया’ की टिप्पणियों का उल्लेख किया और कहा कि ऐसा करना पूरी तरह से वर्जित है।

न्यायालय ने अवमानना के इस मामले में विचार योग्य कतिपय मुद्दों को फिर से तैयार करने के लिये वेणुगोपाल को समय दिया था। इस मामले में न्यायालय ने नवंबर 2009 में भूषण और तहलका पत्रिका के संपादक तरुण तेजपाल को नोटिस जारी किये थे। इस पत्रिका को दिये एक इंटरव्यू में भूषण ने उच्चतम न्यायालय के कुछ पीठासीन और पूर्व न्यायाधीशों पर कथित रूप से आक्षेप लगाये थे।

यह भी पढ़े | यूपी विधानसभा के सामने महिला ने आत्मदाह की कोशिश की, अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती.

वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘आज इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया लंबित मामलों पर टिप्पणियां कर रहे हैं और न्यायालय को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि आज किसी बड़े मामले में जब जमानत की अर्जी सुनवाई के लिये आने वाली होती है तो टीवी पर दिखाई जाने वाली खबरें उन आरोपियों के लिये भी बहुत नुकसान पहुंचाने वाली होती हैं, जिन्होंने जमानत की अर्जी दायर कर रखी होती है।

अटॉर्नी जनरल ने राफेल मामले में मीडिया की रिपोर्टिंग का जिक्र करते हुये कहा कि लंबित मामलों में इस तरह की टिप्पणियां नहीं की जानी चाहिए।

वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘ये पूरी तरह वर्जित है और न्यायालय की अवमानना हो सकती है।’’ उन्होंने कहा कि इस बारे में वह भूषण की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन और मामले में पेश होने वाले दूसरे सभी वकीलों के साथ चर्चा करेंगे।

न्यायमूर्ति खानविलकर, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने वेणुगोपाल के कथन का संज्ञान लिया और कहा कि वह उन सवालों को फिर से तैयार करने पर विचार करें, जिन पर पीठ को विचार करना है। इसके साथ ही पीठ ने इस मामले की सुनवाई चार नवंबर के लिये स्थगित कर दी।

पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘इस बीच, रजिस्ट्रार, न्यायिक, हरीश साल्वे से संपर्क करके इस मामले पर चर्चा करें और उनसे सुनवाई की अगली तारीख पर इसमें पेश होने का अनुरोध करें।

इससे पहले, सुनवाई शुरू होते ही धवन ने कहा कि इस मामले में निश्चित ही कुछ सवालों को नया कलेवर देने की जरूरत है।

वेणुगोपाल उनकी राय से सहमत थे और उन्होंने कहा कि धवन द्वारा दिये गये प्रस्ताव पर नये सिरे से गौर करने की आवश्यकता है।

इससे पहले, न्यायालय ने अपने और तेजपाल के खिलाफ अवमानना के इस मामले में अटॉर्नी जनरल की सहायता लेने का भूषण अनुरोध स्वीकार कर लिया था।

इससे पहले, न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने 25 अगस्त को इस मामले से उभरे अभिव्यक्ति की आजादी और न्यायपालिका के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाने से जुड़े कतिपय बड़े सवालों को विचार के लिये किसी अन्य पीठ को सौंपने का निर्णय किया था। न्यायमूर्ति मिश्रा अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

धवन ने न्यायालय से कहा था कि उन्होंने इस मामले में संवैधानिक महत्व के दस सवाल तैयार किये हैं, जिन पर संविधान पीठ को विचार करने की आवश्यकता है।

हालांकि, पीठ धवन के इस कथन से सहमत नहीं थी कि उसे इन सवालों पर विचार के लिये अटॉर्नी जनरल की सहायता लेनी चाहिए। पीठ ने कहा था कि बेहतर होगा कि इस मुद्दे को प्रधान न्यायाधीश द्वारा गठित की जाने वाली नयी पीठ के लिये छोड़ दिया जाये।

भूषण ने भी इस मामले में अपने 10 सवाल पीठ को सौंपे थे और कहा था कि संविधान पीठ को इन पर विचार करना चाहिए।

अनूप

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\