रांची, दो मई झारखंड के लगभग 1100 छात्रों एवं अभिभावकों को राजस्थान के कोटा से शनिवार को विशेष ट्रेन शाम 7 बजकर पांच मिनट पर हटिया स्टेशन पहुंची। इन छात्रों का रांची के उपायुक्त और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने अन्य अधिकारियों के साथ फूलों स्वागत किया और खाने के पैकेट दिए।
वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने छात्रों के यहां पहुंचने पर उनका तथा उनके अभिभावकों का अभिनंदन किया।
रांची के उपायुक्त महिमपत रे ने बताया, ‘‘1,100 से अधिक छात्र
कोटा से हटिया पहुंची इस विशेष ट्रेन से यहां आये हैं। सभी छात्रों को
उनके जिलों में ले जाकर स्वास्थ्य जांच की जायेगी और फिर 14
दिनों के लिए घरों में ही पृथकवास में रखा जायेगा।’’
इस बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज ट्वीट कर कहा, ‘‘लॉकडाउन में फंसे
करीब एक हजार युवा झारखण्ड पहुंच चुके हैं। आप सभी युवाओं का अभिनंदन है।
लॉकडाउन में आपके द्वारा बिताए हर पल की पीड़ा का आभास है मुझे। अब आप
अपने घर आ चुके हैं। मैं सभी बच्चों के अभिभावकों से कहना चाहता हूं कि
आपके नौहिहालों के बेहतर स्वास्थ्य की जिम्मेवारी सरकार की है। प्रशासन
सही सलामत बच्चों को उनके घर तक पहुंचाएगा। विभिन्न जिलों के छात्र बस के
माध्यम से अपने अपने घर को जाएंगे। रांची के बच्चों को भी
जांच के बाद उनके घर तक पहुंचाया जाएगा।’’
मुख्यमंत्री ने कहा छात्रों और अभिभावकों को परेशान होने की जरूरत नहीं।
रांची के बच्चों का अस्पताल में जांच होगी। जांच के बाद बसों के जरिये बच्चे घर जाएंगे। अगर संक्रमण का कोई लक्षण नजर आता है तो फिर
इसके लिए अलग प्रक्रिया होगी।
रांची के उपायुक्त ने बताया, ‘‘रांची के तीन सौ से अधिक छात्रों को सीधे
रांची के पारस अस्पताल ले जाया जायेगा जहां उनके स्वास्थ्य की जांच की
व्यवस्था की गयी है। वहीं अन्य जिलों के छात्रों के स्वास्थ्य की जांच
उनके जिला मुख्यालय पर की जायेगी।’’
इससे पूर्व यहां पहुंचने पर छात्रों को फूल, खाने के पैकेट और पानी की
बोतलें दी गयीं।
यहां पहुंची छात्राएं एवं छात्र अपने स्वागत से भाव विह्वल हो गये और
अनेक छात्रों और उनके अभिभावकों के आंखों में आंसू आ गये। सभी ने
केन्द्र और राज्य सरकारों को उन्हें लाने की व्यवस्था करने के लिए
धन्यवाद किया।
अनेक छात्राओं ने बताया कि जब उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश तथा अन्य
अनेक प्रदेशों के छात्र अपने घरों को रवाना हो गये तो एक बारगी उन्हें
बहुत उदासी हुई लेकिन उनके अध्यापकों ने उनका ढाढ़स बंधाया।
एक छात्रा की मां ने बताया कि वह रांची से है, उसका रोजा टूट गया
लेकिन उसे खुशी है कि वह अपनी बेटी को यहां लाने में सफल रही है। उसने
कहा कि अल्लाह से दुआ करती हूं कि देश से कोरोना जल्द खत्म हो।
सुजान नामक एक छात्र ने कहा कि चालीस दिनों से अधिक समय से कोटा में फंसे होने के बाद बहुत निराशा सी होने लगी थी लेकिन जब इस विशेष ट्रेन पर सवार
हुआ तो विश्वास हो गया कि अब अपने घर पहुंच जाउंगा।
सभी छात्रों को जिला प्रशासन के अपने घरों में 14 दिनों के लिए पृथकवास में रहने के निर्देश दिये हैं।
, इन्दु,
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)