देश की खबरें | सपा सांसद ने जनसंख्या नियंत्रण विधेयक को चुनावी प्रचार का हथकंडा बताया
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संभल (उप्र), 12 जुलाई संभल में समाजवादी पार्टी (सपा) के स्थानीय सांसद शकफिकुर रहमान बरक ने जनसंख्या नियंत्रण विधेयक लाने के उत्तर प्रदेश सरकार के कदम को चुनावी प्रचार करार देते हुए तंज किया कि इसके लिए शादियों पर प्रतिबंध लगाना बेहतर होगा ताकि बच्चे का जन्म ही न हो सके।
विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की बढ़ती आबादी और बच्चों एवं माताओं की मृत्यु दर को नियंत्रित करने तथा महिलाओं में सकल प्रजनन दर को 2026 तक 2.1 और 2030 तक 1.9 तक लाने के उद्देश्य से ‘उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति 2021-2030’ की शुरुआत की।
बरक ने रविवार शाम कहा, ‘‘यह एक चुनावी प्रचार है। वे (भारतीय जनता पार्टी) सब कुछ राजनीतिक कोण से देखते हैं। वे चुनाव जीतना चाहते हैं लेकिन ईमानदारी से लोगों के हित में कोई निर्णय नहीं लेते हैं। चूंकि उप्र का विधानसभा चुनाव आ रहा है इसलिए वे इसके बारे में अधिक चिंतित हैं। लेकिन हम उन्हें जीतने नहीं देंगे।''
उन्होंने कहा, ‘‘बेहतर होगा कि शादियां ही रोक दी जाएं। अगर 20 साल तक कोई शादी नहीं करेगा तो बच्चे पैदा नहीं होंगे।’’ राज्य में हाल में हुए प्रखंड पंचायत चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा ने खुलेआम धांधली की हैं लेकिन जब भी कोई बड़ा चुनाव होगा, उसमें धांधली नहीं चलेगी। उन्होंने कहा कि चीन ने बच्चों के जन्मदर में सुधार के लिए अपने नियम बदले हैं लेकिन आप (भारत) बच्चों के जन्म पर रोक लगाना चाहते हैं।
उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण विधेयक के एक मसौदे के अनुसार दो-बच्चों की नीति का उल्लंघन करने वाले को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने, सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने, पदोन्नति और किसी भी प्रकार की सरकारी सब्सिडी प्राप्त करने का अधिकार नहीं होगा।
राज्य विधि आयोग ने उत्तर प्रदेश जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण एवं कल्याण) विधेयक-2021 का प्रारूप तैयार कर लिया है। उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग (यूपीएसएलसी) की वेबसाइट के अनुसार, ‘‘राज्य विधि आयोग, उप्र राज्य की जनसंख्या के नियंत्रण, स्थिरीकरण और कल्याण पर काम कर रहा है और एक विधेयक का प्रारूप तैयार किया गया है।’’
राज्य विधि आयोग ने इस विधेयक का प्रारूप अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया है और 19 जुलाई तक जनता से इस पर राय मांगी गई है। विधेयक के प्रारूप के अनुसार इसमें दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी नौकरियों में आवेदन से लेकर स्थानीय निकायों में चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का प्रस्ताव है तथा सरकारी योजनाओं का भी लाभ नहीं दिए जाने का जिक्र है।
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