उत्तर कोरियाई सैनिकों के जमीनी सीमा पार करने पर दक्षिण कोरिया जवानों ने चलाई गोलियां
दोनों कोरियाई देश गुब्बारे छोड़ने और प्रसारण के जरिये दुष्प्रचार करने जैसी शीत युद्ध शैली के तौर-तरीकों में उलझे हुए हैं. कोरिया की भारी किलेबंद सीमा पर अक्सर रक्तपात और हिंसक झड़पें होती रहती हैं और इस सीमा क्षेत्र को विसैन्यीकृत क्षेत्र भी कहा जाता है.
दोनों कोरियाई देश गुब्बारे छोड़ने और प्रसारण के जरिये दुष्प्रचार करने जैसी शीत युद्ध शैली के तौर-तरीकों में उलझे हुए हैं. कोरिया की भारी किलेबंद सीमा पर अक्सर रक्तपात और हिंसक झड़पें होती रहती हैं और इस सीमा क्षेत्र को विसैन्यीकृत क्षेत्र भी कहा जाता है. दोनों कोरियाई देशों के आपस में बढ़ते तनाव के बीच रविवार को यह घटना हुई. वहीं पर्यवेक्षकों का कहना है कि यह घटना ज्यादा तूल नहीं पकड़ेगी क्योंकि दक्षिण कोरिया का मानना है कि उत्तर कोरियाई सैनिकों ने जानबूझकर सीमा में घुसपैठ नहीं की और न ही उत्तर कोरिया ने जवाब में गोलियां चलाईं.
दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने बताया कि रविवार दोपहर साढ़े 12 बजे उत्तर कोरिया के कुछ सैनिक दोनों देशों को अलग करने वाली सैन्य सीमा को पार कर उसके अधिकार क्षेत्र में घुस आए. उन्होंने बताया कि इन उत्तर कोरियाई सैनिकों के पास निर्माण उपकरण थे जबकि कुछ सैनिकों के पास हथियार भी थे. हालांकि, दक्षिण कोरियाई सेना द्वारा चेतावनी के तौर पर गोलियां चलाए जाने के बाद वे तुरंत अपने क्षेत्र में लौट गये. ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने बताया कि उत्तर कोरिया ने कोई अन्य संदिग्ध गतिविधियां नहीं कीं. यह भी पढ़ें : पुल ढहने से अवरुद्ध बाल्टीमोर नौवहन मार्ग फिर से पूरी तरह खुला
ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के प्रवक्ता ली सुंग जून ने संवाददाताओं को बताया कि दक्षिण कोरिया की सेना ने आकलन किया कि ऐसा प्रतीत होता है कि उत्तर कोरियाई सैनिकों ने जानबूझकर सीमा पार नहीं की क्योंकि घटनास्थल एक जंगली क्षेत्र है और वहां सैन्य सीमांकन रेखा होने के संकेत भी स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं दे रहे थे.\ ली ने अधिक विवरण नहीं दिया लेकिन दक्षिण कोरियाई मीडिया की खबरों में बताया गया कि लगभग 20 से 30 उत्तर कोरियाई सैनिक दक्षिण कोरियाई क्षेत्र में लगभग 50 मीटर की दूरी तक घुस आए थे और संभवतः वे अपना रास्ता भटक गए थे. खबरों के मुताबिक, अधिकांश सैनिकों के पास कुदाल और अन्य निर्माण उपकरण थे.