सोनिया ने लोगों को सितंबर तक अनाज उपलब्ध कराने और बिना राशनकार्ड वालों को भी सुविधा देने की मांग की
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में सोनिया ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ युद्ध की इस घड़ी में सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी नागरिक के समक्ष भूखमरी का संकट पैदा नहीं हो।
नयी दिल्ली, छह अप्रैल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि कोरोना वायारस के संकट को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत आने वाले लाभार्थियों को सितंबर महीने तक प्रति व्यक्ति 10 किलोग्राम अनाज (मासिक) उपलब्ध कराया जाए और मुश्किल में घिरे उन लोगों को भी यह राहत प्रदान की जाए जिनके पास राशन कार्ड नहीं है।
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में सोनिया ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ युद्ध की इस घड़ी में सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी नागरिक के समक्ष भूखमरी का संकट पैदा नहीं हो।
उन्होंने कहा, ''लॉकडाउन के कारण देश में लाखों गरीब लोग गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं। यह बहुत दुखद है क्योंकि देश के पास विशाल अन्न भंडार है।''
कांग्रेस अध्यक्ष ने सुझाव दिया, ''खाद्य सुरक्षा कानून के लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति 10 किलोग्राम अनाज (हर महीने) की सुविधा तीन महीने के लिए और (सितंबर तक) बढ़ा देनी चाहिए।''
उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए लोगों को अनाज मुफ्त में मुहैया कराया जाना चाहिए।
दरअसल, सरकार ने पहले ही अप्रैल से जून तक प्रति व्यक्ति 10 किलोग्राम अनाज देने का फैसला किया है।
सोनिया ने प्रधानमंत्री से यह आग्रह भी किया कि उन लोगों को भी 10 किलोग्राम राशन मिलना चाहिए जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं लेकिन वे परेशानी का सामना कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भंडारों में पड़े अनाज राज्यों को मुहैया कराने से भारतीय खाद्य निगम को रबी की उपज को खरीदने में सहूलियत होगी क्योंकि इससे उसके भंडारों में जगह बन जाएगी।
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