देश की खबरें | कश्मीर में बर्फबारी : श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग ठप, विमान सेवाएं प्रभावित

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. कश्मीर के अधिकतर हिस्सों में शुक्रवार को ताजा बर्फबारी होने से श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात ठप हो गया और घाटी से आने-जाने वाली उड़ानें भी प्रभावित हुईं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

श्रीनगर, 20 जनवरी कश्मीर के अधिकतर हिस्सों में शुक्रवार को ताजा बर्फबारी होने से श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात ठप हो गया और घाटी से आने-जाने वाली उड़ानें भी प्रभावित हुईं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

पहलगाम और गुलमर्ग के साथ-साथ अनंतनाग, कुलगाम, शोपियां, पुलवामा, बडगाम, कुपवाड़ा, गांदरबल और श्रीनगर के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हुई।

अधिकारियों के मुताबिक, श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों ओर यातायात की आवाजाही रामबन तथा बनिहाल के बीच बर्फबारी और पत्थर गिरने के कारण ठप पड़ गई।

उन्होंने बताया कि इसके अलावा, बर्फबारी और कम दृश्यता के कारण श्रीनगर हवाई अड्डे पर उड़ानें प्रभावित हुईं।

कश्मीर में न्यूनतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई, लेकिन पूरी घाटी में पारा जमाव बिंदु से नीचे रहा। बृहस्पतिवार रात श्रीनगर का न्यूनतम तापमान शून्य से 0.1 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। वहीं, काजीगुंड में न्यूनतम तापमान शून्य से 0.6 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा।

दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग में न्यूनतम तापमान शून्य से 1.4 डिग्री सेल्सियस नीचे, जबकि कुपवाड़ा में शून्य से 1.5 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा। वहीं, अनंतनाग जिले के पहलगाम में पारा शून्य से 2.9 डिग्री सेल्सियस नीचे और बारामूला जिले के गुलमर्ग में शून्य से 7.6 डिग्री नीचे सेल्सियस दर्ज किया गया।

मौसम विज्ञान विभाग ने पश्चिमी विक्षोभ के कारण 19 से 25 जनवरी तक जम्मू-कश्मीर में बारिश का मौसम रहने का पूर्वानुमान लगाया है। शुक्रवार और शनिवार को जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश या बर्फबारी होने की भी संभावना है। 23 से 25 जनवरी के बीच भारी बारिश होने के भी आसार हैं। साथ ही कश्मीर के मैदानी इलाकों में मध्यम बर्फाबारी और जम्मू के ऊंचाई वाले इलाकों में मध्यम से भारी बर्फबारी होने के आसार हैं।

कश्मीर में अभी ‘चिल्लई-कलां’ का दौर जारी है। यह 40 दिन तक चलता है, जिसमें कश्मीर घाटी में शीतलहर चलने के साथ ही तापमान में काफी गिरावट दर्ज की जाती है। इस अवधि में बर्फबारी की प्रबल संभावना रहती है, खासकर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी बर्फबारी होती है।

‘चिल्लई-कलां’ का दौर 30 जनवरी को समाप्त होगा और उसके बाद 20 दिन का ‘चिल्लई-खुर्द’ शुरू होगा, जिसमें भी कश्मीर घाटी में शीतलहर जारी रहेगी। फिर 10 दिन का ‘चिल्लई बच्चा’ का दौर रहेगा, तब घाटी में ठंड में कमी आने लगेगी।

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