विदेश की खबरें | विस्फोट जांचकर्ता के विरोध में आयोजित प्रदर्शन के दौरान बेरूत में छह लोगों की मौत

घंटों चला संघर्ष 1975- 90 के गृह युद्ध की तरह था जिस दौरान स्नाईपर, पिस्तौल, क्लाशनिकोव राइफल एवं रॉकेट संचालित ग्रेनेड का इस्तेमाल किया गया। 2008 के बाद यह अब तक का भीषण संघर्ष था, जब शिया संगठन हिज्बुल्ला ने बेरूत में काफी कोहराम मचाया था।

विरोध- प्रदर्शन का आयोजन शिया समूह हिज्बुल्ला और इसके सहयोगी शिया अमाल मूवमेंट ने किया था। दोनों समूह चाहते हैं कि बंदरगाह पर हुए विस्फोट की जांच से प्रमुख जांचकर्ता न्यायाधीश तारेक बितार को हटाया जाए।

बृहस्पतिवार की हिंसा क्यों भड़की, इस बारे में फिलहाल पता नहीं चल पाया है लेकिन न्यायाधीश को हटाने की दोनों समूहों द्वारा की जा रही मांग से तनाव काफी बढ़ गया था। दोनों दलों ने जस्टिस पैलेस के नजदीक प्रदर्शन का आह्वान किया था।

दोनों समूहों ने बृहस्पतिवार को बयान जारी कर कहा कि तायोनेह इलाके में भवनों की छत पर तैनात स्नाइपर ने प्रदर्शनकारियों पर हमले किए।

राजधानी में घंटों तक गोलीबारी होती रही और हताहतों को ढोने के लिए एंबुलेंस के सायरन लगातार बजते रहे।

फर्न अल-चेबाक इलाके की निवासी और छह माह की बच्ची की मां हन्नेन चेमाली ने कहा कि उनके अपार्टमेंट की दसवीं मंजिल से गोलीबारी की आवाज से वह दहशत में आ गईं और छिपने के लिए भागीं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने बच्चे के लिए भागी। मुझे नहीं पता कि क्या हो रहा है। केवल गोलीबारी की आवाज आ रही थी।’’

अमेरिका की राजनीतिक मामलों की विदेश उपमंत्री विक्टोरिया नूलैंड उस वक्त शहर में थीं और लेबनान के अधिकारियों के साथ उनकी बैठक चल रही थी। सड़कों पर हो रही गोलीबारी से उनके कार्यक्रम को थोड़े समय के लिए रोक दिया गया।

नूलैंड ने बाद में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि निष्पक्ष न्यायपालिका सभी अधिकारों की गारंटी होती है। वह संभवत: हिज्बुल्ला की आलोचना कर रही थीं।

उन्होंने कहा कि लेबनान के लोग अधिकारों से वंचित नहीं रह सकते और पोत पर हुए विस्फोट के पीड़ित एवं उनके परिवारों को भी वंचित नहीं रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज की अस्वीकार्य हिंसा से स्पष्ट है कि क्या दांव पर लगा हुआ है।’’

लेबनान के अधिकारियों ने बताया कि कम से कम छह लोगों की मौत हुई है और 30 व्यक्ति घायल हुए हैं। अल-साहेल अस्पताल के एक कर्मचारी ने बताया कि अस्पताल में अभी तक तीन शव लाए गए हैं, साथ ही 15 घायल लोगों को यहां लाया गया है। एक मृत महिला के सिर में गोली लगी है। दो घायल लोगों की हालत गंभीर है।

ऑनलाइन जारी कुछ वीडियो में दिख रहा है कि कुछ व्यक्ति सड़कों पर ‘‘शिया, शिया’’ चिल्ला रहे हैं और लोग गोलीबारी से बचने के लिए भाग रहे हैं।

प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने बयान जारी कर शांति बनाए रखने की अपील की और लोगों से कहा कि ‘‘गृह युद्ध की स्थिति में नहीं जाएं।’’

अदालत की जांच एक पोत के गोदाम में अनुचित तरीके से भंडारित सैकड़ों टन अमोनियम नाइट्रेट से जुड़ा है, जिसमें चार अगस्त 2020 को विस्फोट होने के कारण कम से कम 215 लोगों की मौत हो गई थी और हजारों लोग घायल हो गए थे। इसमें आसपास के कई भवन क्षतिगस्त हो गए थे।

इस जटिल जांच का नेतृत्व करने वाले बितर दूसरे न्यायाधीश हैं। उनसे पहले के न्यायाधीश को कानूनी चुनौतियों के बाद हटा दिया गया था।

अब शक्तिशाली हिज्बुल्ला समूह एवं इसके सहयोगी बितर का भी विरोध कर रहे हैं। इन समूहों का आरोप है कि वह जिन नेताओं को पूछताछ के लिए बुला रहे हैं उनमें से अधिक हिज्बुल्ला से जुड़े हुए हैं।

14 महीने से चल रही जांच में हिज्बुल्ला के किसी भी सदस्य को आरोपित नहीं किया गया है।

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