देश की खबरें | सिद्धरमैया और शिवकुमार को वरिष्ठ नेताओं से मशविरा करना चाहिए: परमेश्वर
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. कर्नाटक के गृहमंत्री जी. परमेश्वर ने मंगलवार को कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख डी के शिवकुमार को विधान परिषद (एमएलसी) चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन के संबंध में उनके जैसे वरिष्ठ पार्टी नेताओं से मशविरा करना चाहिए।
बेंगलुरु, 28 मई कर्नाटक के गृहमंत्री जी. परमेश्वर ने मंगलवार को कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख डी के शिवकुमार को विधान परिषद (एमएलसी) चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन के संबंध में उनके जैसे वरिष्ठ पार्टी नेताओं से मशविरा करना चाहिए।
यह बयान ऐसे समय आया है जब कर्नाटक विधान परिषद की 11 सीटों पर 13 जून को होने वाले द्विवार्षिक चुनाव के लिए पार्टी आलाकमान के साथ उम्मीदवारों पर चर्चा करने के लिए सिद्धरमैया और शिवकुमार आज नयी दिल्ली दौरे पर जा रहे हैं।
परमेश्वर ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री और कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जिम्मेदार पदों पर हैं। यह उचित है कि वे हम जैसे वरिष्ठों से परामर्श करें। बिना परामर्श के यदि वे दोनों अपने आप निर्णय लेते हैं, तो यह मेरे अनुसार सही नहीं है। पार्टी और सरकार में जो वरिष्ठ हैं, अनुभवी हैं और संपर्क वाले हैं, उनसे परामर्श किया जाना चाहिए।"
उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, "सिर्फ मैं ही नहीं, मेरे जैसे कई वरिष्ठ लोग हैं जिन्होंने कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में काम किया है और जिनके पास अनुभव है और पार्टी पदों पर रहे हैं। अगर उनकी सलाह और राय ली जाएगी, तो यह अच्छा होगा। यह है मेरी राय।"
परमेश्वर इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या मुख्यमंत्री और शिवकुमार ने एमएलसी उम्मीदवारों पर उनकी राय मांगी है, या क्या उन्होंने किसी नाम की सिफारिश की है।
कई मंत्रियों द्वारा टिकट देते समय क्षेत्र और जाति जैसे कारकों पर विचार करने का सुझाव देने के बारे में पूछे जाने पर, परमेश्वर ने कहा, "इस पर चर्चा की जानी चाहिए। उन दोनों (मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री) को एकतरफा निर्णय नहीं लेना चाहिए, उन्हें हमारी सलाह लेनी चाहिए। उन्हें जिले और जाति के हिसाब से विचार करना होगा।"
उन्होंने कहा, "जिन्होंने पार्टी के लिए काम किया है और इसे खड़ा किया है, जो समुदाय संगठन के साथ खड़े रहे हैं, उन्हें मान्यता देनी होगी, यह मेरी राय है।"
यह पूछे जाने पर कि क्या हाल ही में शिवकुमार द्वारा सभी मंत्रियों के लिए आयोजित रात्रिभोज बैठक के दौरान इस पर चर्चा हुई थी, परमेश्वर ने ना में उत्तर दिया।
कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के इस निर्देश पर प्रतिक्रिया देते हुए कि मंत्रियों को कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए पार्टी कार्यालय जाना चाहिए, परमेश्वर ने कहा कि जब वह आठ साल तक अध्यक्ष थे तो उन्होंने भी यही काम किया था।
उन्होंने कहा, "जब कांग्रेस सत्ता में थी, तो मंत्री पार्टी कार्यालय जाते थे... यह पार्टी का निर्णय है। अध्यक्ष ने देखा होगा कि कुछ मंत्री इसका पालन नहीं कर रहे हैं, और इसलिए उन्होंने निर्देश दिया होगा, यह एक स्वागत योग्य कदम है।"
कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर फिलहाल कोई बदलाव नहीं होने की चर्चा पर एक सवाल के जवाब में परमेश्वर ने कहा कि पार्टी आलाकमान उचित समय पर फैसला करेगा।
उन्होंने कहा, "शिवकुमार सक्षम हैं और अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे हैं। अगर उन्हें लगता है कि वह चीजों का प्रबंधन नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि वह उप मुख्यमंत्री भी हैं, तो वह आलाकमान को बताएंगे, या आलाकमान खुद फैसला कर सकता है।"
मंत्री के एन राजन्ना के इस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कि वह पार्टी अध्यक्ष के रूप में सेवा करने के लिए मंत्री पद का त्याग करने के लिए तैयार हैं, उन्होंने कहा, "...कोई भी त्याग कर सकता है, क्या कांग्रेस में त्याग करने के लिए लोगों की कमी है?"
विधानसभा में राजनीतिक दलों के मौजूदा संख्या बल को देखते हुए कांग्रेस सात, भाजपा तीन और जदएस एक सीट जीत सकती है।
इस चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और यह 3 जून तक चलेगी।
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