देश की खबरें | शोपियां मुठभेड़ : सैनिकों के खिलाफ प्रथम दृष्टया साक्ष्य पाए गए, सेना अधिनियम के तहत कार्यवाही शुरू

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. सेना को ''प्रथम दृष्टया'' साक्ष्य मिले हैं कि उसके जवानों ने कश्मीर के शोपियां जिले में हुई एक मुठभेड़ में सशस्त्र सेना विशेषाधिकार कानून (अफस्पा) के तहत मिली शक्तियों का उल्लंघन किया। इस संबंध में अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की गई है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

श्रीनगर, 15 सितंबर सेना को ''प्रथम दृष्टया'' साक्ष्य मिले हैं कि उसके जवानों ने कश्मीर के शोपियां जिले में हुई एक मुठभेड़ में सशस्त्र सेना विशेषाधिकार कानून (अफस्पा) के तहत मिली शक्तियों का उल्लंघन किया। इस संबंध में अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की गई है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

इस वर्ष जुलाई में यह मुठभेड़ हुयी थी और इसमें तीन लोग मारे गए थे।

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दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के अमशीपुरा गांव में सेना ने 18 जुलाई को तीन आतंकवादियों को मार गिराने का दावा किया था।

श्रीनगर में रक्षा प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने कहा कि आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान नैतिक आचरण के लिए प्रतिबद्ध सेना ने सोशल मीडिया पर सामने आई उन रिपोर्ट के बाद जांच शुरू की, जिसमें दावा किया गया था कि जम्मू के राजौरी जिले के रहने वाले तीन व्यक्ति अमशीपुरा से लापता पाये गए थे।

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जांच को चार सप्ताह के भीतर ही पूरा कर लिया गया।

राजौरी निवासी तीनों व्यक्तियों के परिजन ने पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई थी जोकि शोपियां में मजदूरी करते थे।

सेना ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि जांच से कुछ निश्चित साक्ष्य सामने आए जो कि दर्शाते हैं कि अभियान के दौरान अफस्पा, 1990 के तहत निहित शक्तियों का दुरुपयोग किया गया और उच्चतम न्यायालय द्वारा स्वीकृत सेना प्रमुख की ओर से निधार्रित नियमों का उल्लंघन किया गया।

इसके मुताबिक, परिणामस्वरूप, सक्षम अनुशासनात्मक प्राधिकरण ने प्रथम दृष्टया जवाबदेह पाए गए सैनिकों के खिलाफ सेना अधिनियम के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया है।

हालांकि, यह तत्काल स्पष्ट नहीं हो सका है कि सेना के कितने जवानों के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है।

एकत्र किए गए साक्ष्य दर्शाते हैं कि अमशीपुरा में मारे गए तीन ''अज्ञात आतंकवादी'' इम्तियाज अहमद, अबरार अहमद और मोहम्मद इबरार थे जोकि राजौरी के रहने वाले थे। उनकी डीएनए रिपोर्ट का इंतजार है।

बयान में कहा गया, '' आतंकवाद अथवा संबंधित गतिविधियों में उनकी संलिप्त्ता को लेकर पुलिस द्वारा जांच की जा रही है।''

जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने सोशल मीडिया पर आई रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए मामले में एक जांच शुरू की थी।

इस मामले को लेकर स्थानीय अखबारों में विज्ञापन देकर लोगों को किसी भी तरह की विश्वसनीय जानकारी सेना के साथ साझा करने को कहा गया था।

मुठभेड में मारे गए तीनो व्यक्तियों के परिजन ने 17 जुलाई को इनसे संपर्क नहीं होने के बाद स्थानीय पुलिस थाने में इनकी गुमशुदगी की लिखित शिकायत दी थी।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि पुलिस तीनों व्यक्तियों की कॉल विवरण खंगालने के साथ ही इस बात की भी जांच कर रही है कि जिस किराये के मकान में वे रह रहे थे वहां अभियान शुरू होने के बाद खिडकी से क्यों कूदे?

उन्होंने कहा कि शोपियां आने के बाद से रणनीतिक स्थानों पर उनकी मौजूदगी को लेकर भी जांच की जा रही है।

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