देश की खबरें | नैतिकता के आधार पर जैसे मैंने इस्तीफा दिया था, शिंदे और फडणवीस को भी त्यागपत्र दे देना चाहिए : ठाकरे
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. शिव सेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्होंने पिछले साल जिस प्रकार नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, उसी प्रकार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए।
मुंबई, 11 मई शिव सेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्होंने पिछले साल जिस प्रकार नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, उसी प्रकार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए।
राज्य में पिछले साल शिवसेना केंद्रित राजनीतिक संकट पर उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के तुरंत बाद ठाकरे ने एक संवाददाता सम्मेलन किया। इसमें, ठाकरे ने उन्हें शक्ति परीक्षण के लिए बुलाने को लेकर तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की आलोचना की।
ठाकरे ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए जैसा मैंने किया था।’’
ठाकरे ने कहा कि 16 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने पर फैसला करते समय विधानसभा अध्यक्ष राहुल नारवेकर को सुनील प्रभु को उनकी शिवसेना का सचेतक मानना ही होगा।
इससे पहले, उच्चतम न्यायालय ने कहा कि राज्यपाल द्वारा पिछले साल 30 जून को तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए कहना सही नहीं था।
हालांकि न्यायालय ने पूर्व की स्थिति बहाल करने से इनकार करते हुए कहा कि ठाकरे ने शक्ति परीक्षण से पहले ही इस्तीफा दे दिया था।
महाराष्ट्र में पिछले साल शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट की बगावत के बाद उद्धव ठाकरे नीत महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार गिरने और संबंधित राजनीतिक संकट से जुड़ी विभिन्न याचिकाओं पर पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने अपने फैसले में सर्वसम्मति से कहा कि शिंदे गुट के भरत गोगावाले को शिवसेना का सचेतक नियुक्त करने का विधानसभा अध्यक्ष का फैसला ‘अवैध’ था।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘‘चूंकि ठाकरे ने विश्वास मत का सामना किये बिना ही इस्तीफा दे दिया था, इसलिए राज्यपाल ने सदन में सबसे बड़े दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कहने पर सरकार बनाने के लिए शिंदे को आमंत्रित करके सही किया।’’
पीठ में न्यायमूर्ति एम आर शाह, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा भी शामिल थे।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)