नयी दिल्ली, 26 फरवरी सेवाओं का निर्यात अच्छी गति से बढ़ रहा है। चालू वित्त वर्ष 2022-23 में सेवा निर्यात 300 अरब डॉलर का आंकड़ा पार कर जाने की उम्मीद है।
सेवा निर्यात संवर्द्धन परिषद (एसईपीसी) के महानिदेशक अभय सिन्हा ने रविवार को यह संभावना जताते हुए कहा कि वैश्विक अवसरों का लाभ उठाकर भारत वर्ष 2030 तक 1,000 अरब डॉलर का सेवा निर्यात लक्ष्य हासिल कर सकता है।
उन्होंने कहा कि आगामी विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) में समर्थन उपायों से सेवाओं का निर्यात और बढ़ाने में मदद मिलेगी। सिन्हा ने कहा कि आईटी और संबद्ध क्षेत्र, पर्यटन और स्वास्थ्य सेवा के बूते सेवाओं का निर्यात अच्छी वृद्धि दर्ज कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा दर के हिसाब से चालू वित्त वर्ष में सेवाओं का निर्यात 300 अरब डॉलर को पार कर जाएगा।’’
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले 10 माह (अप्रैल-जनवरी) के दौरान सेवा निर्यात 272 अरब डॉलर रहा है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 206.28 अरब डॉलर था।
वित्त वर्ष 2021-22 में सेवा निर्यात 254 अरब डॉलर के उच्च स्तर पर पहुंच गया था।
सेवा निर्यात में 40 से 45 प्रतिशत हिस्सा आईटी और आईटीईएस क्षेत्रों का है। इसके बाद यात्रा, पर्यटन, शिक्षा और बैंकिंग जैसी वित्तीय सेवाओं और लेखांकन का नंबर आता है।
सिन्हा ने कहा कि 2030 तक 1,000 अरब डॉलर का लक्ष्य महत्वाकांक्षी नहीं है। उद्योग सरकार के सहयोग से इसे हासिल कर सकता है।
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