जरुरी जानकारी | सेंसेक्स 465 अंक लुढ़का, निफ्टी 14,500 के नीचे आया
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. वैश्विक शेयर बाजारों में सकारात्मक रुख के बावजूद बीएसई सेंसेक्स मंगलवार को 465 अंक लुढ़क गया। सूचकांक में अच्छी हिस्सेदारी रखने वाले रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी लि. तथा इन्फोसिस में गिरावट से बाजार नीचे आया।
मुंबई, चार मई वैश्विक शेयर बाजारों में सकारात्मक रुख के बावजूद बीएसई सेंसेक्स मंगलवार को 465 अंक लुढ़क गया। सूचकांक में अच्छी हिस्सेदारी रखने वाले रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी लि. तथा इन्फोसिस में गिरावट से बाजार नीचे आया।
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 465.01 यानी 0.95 प्रतिशत की गिरावट के साथ 48,253.51 पर बंद हुआ।
इसी प्रकार, एनएसई निफ्टी 137.65 अंक यानी 0.94 प्रतिशत टूटकर 14,496.50 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक करीब 2 प्रतिशत की गिरावट डा. रेड्डीज में आयी। इसके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज, सन फार्मा, एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी लि., इन्फोसिस, महिंद्रा एंड महिंद्रा और पावरग्रिड भी नुकसान में रहे।
दूसरी तरफ, ओएनजीसी, बजाज फाइनेंस, टीसीएस, नेस्ले इंडिया और एसबीआई आदि लाभ में रहे।
रिलायंस सिक्योरिटीज के रणनीतिक प्रमुख विनोद मोदी ने कहा, ‘‘घरेलू शेयर बाजारों में दोपहर के कारोबार में शुरूआती बढ़त बरकरार नहीं रह पायी और गिरावट के साथ बंद हुए। इसका मुख्य कारण कोविड-19 संक्रमण के मामले को लेकर चिंता है। इससे निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई है।’’
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को छोड़कर सभी क्षेत्रों में बिकवाली का दबाव रहा। औषधि कंपनियों के शेयरों में तीव्र सुधार देखने को मिला।
उन्होंने कहा कि कई राज्यों में रोजाना कोविड-संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, यह चिंता का कारण है। हालांकि, महाराष्ट्र और दिल्ली समेत कई हिस्सों में नये मामलों की संख्या कम हुई है, जो राहत की बात है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार को जारी आंकड़े के अनुसार देश में कोविड-19 संक्रमित उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 34,47,133 हो गयी जो सोमवार के 34,13,642 थी।
एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग और सोल बढ़त में रहे जबकि शंघाई और तोक्यो अवकाश के कारण बंद रहे।
यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरूआती कारोबार में बढ़त का रुख रहा।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.79 प्रतिशत बढ़त के साथ 68.77 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
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