भोपाल, 31 मई मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोविड-19 अस्पतालों में वरिष्ठ चिकित्सक रोज वार्ड में जाएं तथा मरीजों को सर्वोत्तम इलाज दें।
उन्होंने कहा कि इलाज में थोड़ी भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सख्त कार्रवाई होगी।
मध्यप्रदेश जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि मुख्यमंत्री ने शनिवार शाम को यहां मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रदेश में कोरोना वायरस की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए यह बात कही।
चौहान ने कहा कि भोपाल स्थित सरकारी हमीदिया अस्पताल को कोरोना वायरस के इलाज में आदर्श अस्पताल की भूमिका निभाना चाहिए और वहां मृत्यु दर न्यूनतम करने का प्रयास किया जाए।
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उन्होंने प्रदेश के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान को निर्देश दिए कि उन्हें हमीदिया में इलाज की रोज रिपोर्ट दें।
चौहान ने कहा कि प्रदेश में आने-जाने के लिए अब ई-पास की आवश्यकता नहीं होगी। राज्य से बाहर आने-जाने के लिए ई-पास लिए जा सकेंगे। मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने बताया कि ये ई-पास 'ऑटो जनरेटेड' होंगे।
नीमच जिले में कोविड-19 मरीजों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि नीमच जिले पर विशेष ध्यान दिया जाए। सर्वे बढ़ाया जाए, जो भी कोरोना वायरस सक्रमित के संपर्क में आये हैं, उनका पता लगाया जाए और कोविड-19 की जांच बढ़ाई जाए।
अधिकारी ने बताया कि राजस्थान की सीमा से लगे मध्य प्रदेश के नीमच जिले में अब तक 199 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये हैं, जिनमें से 42 नये मामले शनिवार को सामने आये। नीमच जिले में अब तक 54 मरीज स्वस्थ हुए हैं और चार लोगों की मौत हुई है।
राज्य में अब तक कुल 7,891 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गये हैं, जिनमें से 343 की मौत हो गई है और 4,444 मरीज स्वस्थ हुए हैं।
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