राजौरी/जम्मू, 13 सितंबर: जम्मू कश्मीर के राजौरी के एक सुदूरवर्ती गांव में बुधवार को एक मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों ने दूसरे आतंकवादी को भी मार गिराया. यह जानकारी अधिकारियों ने दी. सुदूरवर्ती नारला गांव में मुठभेड़ में मंगलवार को एक संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादी मारा गया था जबकि गोलीबारी में सेना का एक जवान और सेना की श्वान इकाई की छह वर्षीय मादा लैब्राडोर केंट भी शहीद हो गई थी, जबकि चार सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे.
14-सेक्टर राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडर ब्रिगेडियर सौमीत पटनायक ने आज शाम राजौरी में संवाददाताओं से कहा, ‘‘दो संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादियों के मारे जाने से आतंकवादियों द्वारा क्षेत्र की शांति और स्थिरता को बाधित करने के किसी भी प्रयास को विफल करने का सुरक्षाबलों का दृढ़ संकल्प प्रदर्शित हुआ है.’’
पटनायक के साथ पुंछ-राजौरी रेंज के पुलिस उपमहानिरीक्षक हसीब मुगल भी थे. पटनायक ने कहा कि विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के बीच तालमेल के चलते आतंकवादी अपने पैर नहीं जमा पा रहे हैं और वन क्षेत्रों की ओर भागने के लिए मजबूर हो रहे हैं और वहां समन्वित अभियान में मारे जा रहे हैं.
उन्होंने बताया कि माना जा रहा है कि दोनों आतंकवादी पाकिस्तानी हैं और उनके शवों के साथ ही दो एके असॉल्ट राइफल और रसद सामग्री भी बरामद की गई हैं.
सफल अभियान के दौरान स्थानीय आबादी की भूमिका की सराहना करते हुए, डीआइजी हसीब मुगल ने कहा, ‘‘हम नागरिकों को बताना चाहते हैं कि शांति ही समृद्धि है और इसे बहाल करने में हमारी मदद करें और हम पर विश्वास रखें.’’
उन्होंने कहा, ‘‘दुर्गम इलाके और खराब मौसम को देखते हुए यह एक बहुत ही कठिन अभियान था और इसकी सफल परिणति हमें आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ और अधिक ताकत के साथ कार्रवाई करने के लिए प्रेरित करेगी.’’
इस बीच, अनंतनाग जिले के कोकेरनाग इलाके के ऊंचाई वाले इलाके में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में बुधवार को सेना की एक बटालियन के कमांडिंग कर्नल, एक मेजर और जम्मू कश्मीर पुलिस के एक उपाधीक्षक शहीद हो गए.
इससे पहले, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) (जम्मू क्षेत्र) मुकेश सिंह ने कहा कि बुधवार को मुठभेड़ में एक और आतंकवादी को मार गिराया गया. ब्रिगेडियर पटनायक ने अभियान के बारे में मीडियाकर्मियों को जानकारी देते हुए कहा कि पिछले दो महीनों में सेना, अर्धसैनिक बलों और पुलिस द्वारा चलाए गए अभियानों ने आतंकवादियों को भागने पर मजबूर कर दिया है.
उन्होंने कहा, ‘‘दबाव महसूस करते हुए आतंकवादी बचने के लिए जंगली इलाकों की ओर जाने की कोशिश कर रहे हैं.’’ अधिकारी ने कहा कि चार सितंबर को रियासी जिले के पास के चसाना इलाके में अभियान के दौरान एक आतंकवादी के मारे जाने के बाद से प्राप्त खुफिया सूचनाओं के आधार पर, उन क्षेत्रों की तलाशी लेने के लिए सैनिकों की कई टुकड़ियों को तैनात किया गया था, जहां ग्रामीणों ने आतंकवादियों को देखा था.
उन्होंने कहा, ‘‘खराब मौसम का सामना करते हुए, सुरक्षा बल आतंकवादियों की तलाश में जुटे रहे. सात सितंबर को, राजौरी के सामान्य क्षेत्र मथियानी गाला में बैग के साथ दो अज्ञात व्यक्तियों के बारे में जानकारी प्राप्त हुई थी और तदनुसार योजना और खुफिया अभियान शुरू किया गया था.’’ ब्रिगेडियर पटनायक ने कहा कि 11 सितंबर को गश्ती दल ने शाम साढ़े छह बजे जंगल में बैग के साथ दो अज्ञात व्यक्तियों को फिर से देखा, लेकिन सैनिकों द्वारा चुनौती दिए जाने के बाद प्रतिकूल मौसम के साथ खराब दृश्यता का फायदा उठाकर वे वहां से भाग निकले.
उन्होंने कहा कि उन व्यक्तियों के पास हथियार दिखने पर सैनिकों ने उन पर गोलियां चलायीं और संभावना है कि उनमें से एक घायल हो गया. उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस के साथ मिलकर इलाके की संयुक्त घेराबंदी की गई और आतंकवादियों को भागने से रोकने के लिए रात्रि में निगरानी में सक्षम उपकरणों की सेवा ली गई.’’
उन्होंने बताया कि 12 सितंबर की सुबह इलाके की तलाशी के दौरान आतंकवादियों द्वारा छोड़ा गया एक बैग मिला जिसमें अन्य चीजों के अलावा पाकिस्तान निर्मित दवाएं थीं. उन्होंने कहा कि सेना की श्वान इकाई की मादा लैब्राडोर केंट को काम पर लगाया गया और उसने कुछ दूरी तक आतंकवादियों की गंध का पीछा किया लेकिन केंट आगे जाकर रुक गई.
अधिकारी ने बताया, ‘‘कुछ दूरी के बाद, खून के निशान दिखे. केंट को फिर से काम पर लगाया गया और सुरक्षा बलों के दल और आगे बढ़े.’’ अधिकारी ने कहा, ‘‘सुरक्षा बलों के दल को करीब आते देख, घने जंगल में छिपे आतंकवादियों ने अपराह्न लगभग सवा तीन बजे नजदीक से गोलीबारी शुरू कर दी. शुरुआती गोलीबारी में केंट, उसका संचालक और वहां तैनात एक अन्य सैनिक घायल हो गए.’’
उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों के दल ने आतंकवादियों को भागने से रोकने के लिए उनके करीब बढ़ना जारी रखा और भारी गोलाबारी के बीच, असाधारण साहस दिखाते हुए, सैनिकों ने एक आतंकवादी को सफलतापूर्वक मार गिराया.
अधिकारी ने कहा कि केंट गंभीर रूप से घायल हो गयी. उन्होंने कहा कि तीन अन्य सैनिक और एक एसपीओ घायल हो गए. उन्होंने कहा, ‘‘सैनिकों को वहां से निकाला गया. चूंकि आतंकवादियों की ओर से गोलीबारी जारी थी, इसलिए केंट का शव वहां से नहीं निकाला जा सका.’’
उन्होंने कहा, ‘‘बाद में, तीन सैनिकों में से एक ने दम तोड़ दिया. अन्य दो सैनिकों और एक पुलिस एसपीओ को सैन्य अस्पताल ले जाया गया. जैसे ही अंधेरा हुआ और भारी बारिश के कारण दृश्यता कम होने लगी, दूसरे आतंकवादी को भागने से रोकने के लिए घेराबंदी फिर से कड़ी कर दी गई.’’
ब्रिगेडियर पटनायक ने कहा कि आतंकवादी बच न सकें, यह सुनिश्चित करने के लिए रात भर गोलीबारी जारी रही.
उन्होंने कहा, ‘‘तेरह सितंबर को लगभग सुबह 10 बजे, दूसरे आतंकवादी को देखा गया और गोलीबारी शुरू हो गई, जिस दौरान एक अन्य सैनिक घायल हो गया. अंततः, लगभग पूर्वाह्न साढ़े 11 बजे, दूसरे आतंकवादी को मार गिराया गया.’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)