जरुरी जानकारी | ‘सेबी के ‘पैसिव’ ईएलएसएस शुरू करने की अनुमति देने से लागत प्रभावी निवेश विकल्प मिलेगा’

नयी दिल्ली, 24 मई पूंजी बाजार नियामक सेबी के म्यूचुअल फंड को ‘पैसिव’ रूप से प्रबंधित इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) पेश करने की इजाजत देने से व्यक्तिगत निवेशकों को लागत प्रभावी और कर बचत वाला निवेश विकल्प मिलेगा। विशेषज्ञों ने मंगलवार को यह राय दी।

‘पैसिव’ प्रबंधित योजना के तहत निफ्टी और सेंसेक्स जैसे प्रमुख सूचकांकों के आधार पर निवेश किया जाता है। निवेश इन सूचकांकों से जुड़ा होने की वजह प्रतिफल सीधे बाजार के प्रदर्शन से जुड़ा होता है। ये कम लागत वाली निवेश योजना है।

सेबी ने निवेश उत्पाद के रूप में ऐसे फंडों की बढ़ती लोकप्रियता के बीच पैसिव फंडों - एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) और इंडेक्स फंड के प्रबंधन के लिए एक ढांचा भी तैयार किया है।

सेबी ने सोमवार को अपने परिपत्र में कहा कि म्यूचुअल फंड या तो एक्टिव ईएलएसएस योजना या पैसिव योजना शुरू कर सकते हैं, लेकिन दोनों श्रेणियों में योजना शुरू नहीं की जा सकती।

पैसिव ईएलएसएस योजना ऐसे सूचकांकों पर आधारित होनी चाहिए, जिनमें बाजार पूंजीकरण की लिहाज से शीर्ष 250 कंपनियां शामिल हों।

क्रिसिल लिमिटेड के ‘फंड रिसर्च’ के निदेशक पीयूष गुप्ता ने कहा कि सेबी का पैसिव डेट फंड को आगे बढ़ाने का फैसला काफी फायदेमंद है।

उन्होंने कहा कि इससे निवेशकों को कम लागत वाला विकल्प मिलेगा और साथ ही भारत के कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस योजना से व्यक्तिगत निवेशकों को कर-बचत का विकल्प भी मिलेगा।

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