सेबी ने डिमैट अनुरोध, केवाईसी आवेदन के प्रसंस्करण को लेकर अनुपालन नियमों में रियायत दी
भाारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक परिपत्र में कहा कि यह छूट तीन मई तक के लिये दी गयी है।
नयी दिल्ली, 16 अप्रैल बाजार नियामक सेबी ने बृहस्पतिवार को डिपोजिटरी प्रतिभागियों, स्टॉक ब्रोकरों और शेयर हस्तांतरण एजेंट के लिये डिमैट खाते से संबद्ध आग्रह और केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) आवेदन के संदर्भ में अनुपालन नियमों में ढील दी। कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये जारी लॉकडाउन (बंद) को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।
भाारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक परिपत्र में कहा कि यह छूट तीन मई तक के लिये दी गयी है।
सरकार ने बंद की अवधि बढ़ाकर 3 मई तक कर दी है। इससे पहले 25 मार्च को 21 दिन के लिये बंद की घोषणा की गयी थी।
नियामक ने शेयर ट्रांसफर एजेंट (आरटीए) के पंजीयक या जारीकर्ता और डिपोजिटरी प्रतिभागियों के डिमैट संबंधित आग्रह फार्म के प्रसंस्करण के संदर्भ में अनुपालन नियमों में छूट दी है।
नियमों के तहत आरटीए या जारीकर्ता के मामले में ऐसे फार्म का प्रसंस्कारण 15 दिनों के भीतर जबकि डिपोजिटरी प्रतिभागियों के मामले में सात दिनों में होता है।
इसके अलावा सेबी ने ग्राहकों के केवाईसी आवेदन और उसके समर्थन वाले दस्तावेज के लिये दिशानिर्देश में छूट दी है। ऐसे आवेदन और संबंधित दस्तावेज को केआरए (केवाईसी पंजीकरण एजेंसी) की प्रणाली पर 10 दिन के भीतर अपलोड करना होता है।
सेबी ने कहा कि 23 मार्च से 17 मई तक की अवधि को अनुपालन संबंधी नियमों के लिये मौजूदा समयसीमा की गणना में से हटाया जाएगा।
उसके बाद मध्यस्थों को अटके मामलों के निपटान के लिये 17 मई के बाद 15 दिन का समय दिया जाएगा।
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