खेल की खबरें | सतीश कुमार ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में, ‘अनलकी’ मैरीकॉम बाहर
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Sports at LatestLY हिन्दी. ओलंपिक में भाग ले रहे भारत के पहले सुपर हैवीवेट (91 किग्रा से अधिक) मुक्केबाज सतीश कुमार ने गुरुवार को यहां अपने पहले ही खेलों में क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया लेकिन महान मुक्केबाज एम सी मैरीकॉम अंतिम 16 चरण के मुकाबले में हारकर बाहर हो गयी।
तोक्यो, 29 जुलाई ओलंपिक में भाग ले रहे भारत के पहले सुपर हैवीवेट (91 किग्रा से अधिक) मुक्केबाज सतीश कुमार ने गुरुवार को यहां अपने पहले ही खेलों में क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया लेकिन महान मुक्केबाज एम सी मैरीकॉम अंतिम 16 चरण के मुकाबले में हारकर बाहर हो गयी।
सतीश ने जमैका के रिकार्डो ब्राउन पर पहले मुकाबले में 4 . 1 से आसान जीत दर्ज की । दोनों मुक्केबाजों का यह पहला ओलंपिक है ।
मैरीकॉम प्री क्वार्टरफाइनल में तीन में से दो राउंड जीतने के बावजूद रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता इंग्रिट वालेंसिया से 2-3 से हार गयी।
दो बार एशियाई चैम्पियनशिप के कांस्य पदक विजेता सतीश सुबह के सत्र में रिंग में उतरे। उन्हें ब्राउन के खराब फुटवर्क का फायदा मिला । उन्हें हालांकि मुकाबले में माथे पर खरोंच भी आई ।
भारतीय मुक्केबाजी के हाई परफॉर्मेंस निदेशक सांटियागो नीएवा ने कहा ,‘‘ उसे मुकाबले के दौरान तीन बार सिर पर प्रहार के कारण कट लगा है । सतीश ने काफी संभलकर उसका सामना किया वरना ब्राउन के कद काठी को देखते हुए गंभीर चोट लग सकती थी ।’’
अब सतीश का सामना उजबेकिस्तान के बखोदिर जालोलोव से होगा जो मौजूदा विश्व और एशियाई चैम्पियन हैं । जालोलोव ने अजरबैजान के मोहम्मद अब्दुल्लायेव को 5 . 0 से हराया ।
नीएवा ने कहा ,‘‘ वह अपराजेय नहीं है । सतीश ने उसे कभी नहीं हराया लेकिन इंडिया ओपन में आखिरी बार दोनों का सामना हुआ था और वह बंटा हुआ फैसला था । सतीश ने उसे कड़ी चुनौती दी थी ।’’
राष्ट्रमंडल खेल 2018 के रजत पदक विजेता सतीश ने दाहिने हाथ से लगातार पंच लगाते हुए ब्राउन को गलतियां करने पर मजबूर किया । ब्राउन उन्हें एक भी दमदार पंच नहीं लगा सके ।
नीएवा ने कहा ,‘‘ स्कोर करके तुरंत पीछे हट जाने का लक्ष्य था क्योंकि ब्राउन काफी शक्तिशाली है और खतरनाक हो सकता था । सतीश ने उसे चारों तरफ घुमाकर थकाया ।’
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के रहने वाले सतीश सेना में हैं और पहले कबड्डी खेलते थे । सेना के कोचों ने अच्छी कद काठी देखकर उन्हें मुक्केबाजी खेलने का मौका दिया ।
वहीं जमैका की ओर से 1996 के बाद ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने वाले पहले मुक्केबाज ब्राउन उद्घाटन समारोह में अपने देश के ध्वजवाहक थे ।
मैरीकॉम शाम के सत्र में रिंग में उतरीं और रोमांचक मुकाबले में वालेंसिया ने पहले राउंड में बढ़त का फायदा उठाकर जीत दर्ज की।
मुकाबले के बाद 38 वर्षीय मैरीकॉम ने कहा, ‘‘नहीं पता कि क्या हुआ, पहले दौर में मुझे लगा कि हम दोनों एक दूसरे की रणनीति को भांपने की कोशिश कर रहे थे और इसके बाद मैंने दोनों राउंड जीते। ’’
जब रैफरी ने मुकाबले के अंत में वालेंसिया का हाथ ऊपर उठाया तो मैरीकॉम की आंखों में आंसू थे और चेहरे पर मुस्कान थी।
इस मुकाबले में एक दूसरे के प्रति सम्मान दिखा, जिसमें मैरीकॉम ने वालेंसिया को गले लगाया और उन्होंने भी भारतीय मुक्केबाज के प्रति आदर दिखाने के लिये उनका हाथ उठाया।
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