देश की खबरें | बर्खास्त पुलिसकर्मी वाजे, अनिल देशमुख के दो पूर्व सहयोगी 11 अप्रैल तक सीबीआई हिरासत में
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. राकांपा नेता व महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में एक विशेष अदालत ने बर्खास्त पुलिसकर्मी सचिन वाजे और देशमुख के दो पूर्व सहयोगियों को 11 अप्रैल तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया।
मुंबई, चार अप्रैल राकांपा नेता व महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में एक विशेष अदालत ने बर्खास्त पुलिसकर्मी सचिन वाजे और देशमुख के दो पूर्व सहयोगियों को 11 अप्रैल तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को मामले में वाजे, संजीव पलांडे और कुंदन शिंदे को गिरफ्तार किया, लेकिन देशमुख को गिरफ्तार नहीं कर सकी क्योंकि वह सरकारी जेजे अस्पताल में भर्ती हैं।
हिरासत के लिए दिए गए आवेदन में, सीबीआई ने “गहरी साजिश का पता लगाने के वास्ते” पूछताछ के उद्देश्य से आरोपियों की हिरासत मांगी और कहा कि आरोपी व्यक्तियों को दिल्ली में एजेंसी के मुख्यालय में ले जाना पड़ सकता है जहां उनसे वैज्ञानिक पूछताछ की जा सकती है।
सीबीआई की एक विशेष अदालत ने वाजे, शिंदे और पलांडे को 11 अप्रैल तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया, लेकिन देशमुख पर कोई आदेश पारित करने से इनकार करते हुए कहा कि जांच अधिकारी को पहले यह दिखाना होगा कि उन्होंने पूर्व मंत्री के स्वास्थ्य के बारे में पता लगाने के लिए क्या प्रयास किए हैं।
हिरासत के लिए अपने आवेदन में एजेंसी ने आरोप लगाया कि देशमुख ने “इरातदन और जानबूझकर” “सीबीआई हिरासत से बचने एवं जांच को विफल करने के लिए” खुद को चार अप्रैल को अस्पताल में भर्ती करा लिया।
सीबीआई ने वाजे, पलांडे और शिंदे की हिरासत की मांग करते हुए अपने आवेदन में कहा कि देशमुख और तीनों के बयान जेल में दर्ज किए गए थे, लेकिन उनमें विरोधाभास हैं जिन्हें सत्यापित करने की आवश्यकता है और इसलिए, “ सच्चाई का पता लगाने तथा मामले में न्यायसंगत और निष्पक्ष निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए” चारों से हिरासत में पूछताछ आवश्यक है।
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने पिछले साल मार्च में आरोप लगाया था कि राज्य के तत्कालीन गृह मंत्री देशमुख ने पुलिस अधिकारियों को शहर के रेस्तराओं और बार से हर महीने 100 करोड़ रुपये की उगाही करने का लक्ष्य दिया था। बंबई उच्च न्यायालय के आदेश के बाद सीबीआई ने देशमुख के खिलाफ पिछले साल अप्रैल में एक प्राथमिकी दर्ज की थी।
देशमुख ने आरोपों से इनकार किया था लेकिन बंबई उच्च न्यायालय द्वारा सीबीआई जांच का आदेश दिए जाने के बाद उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था।
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