देश की खबरें | सचिन ने युवा विश्व मुक्केबाजी में स्वर्ण पदक जीता, देश का ऐतिहासिक प्रदर्शन

नयी दिल्ली, 23 अप्रैल भारतीय मुक्केबाज सचिन (56 किग्रा) ने शुक्रवार को पोलैंड के किलसे में चल रही युवा विश्व चैम्पियनशिप में देश को ऐतिहासिक आठवां स्वर्ण पदक दिलाया। एक दिन पहले सात महिला मुक्केबाजों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सात स्वर्ण अपनी झोली में डाले थे।

सचिन ने कजाखस्तान के येरबोलाट साबिर को 4-1 से शिकस्त दी। भारतीय मुक्केबाज ने अच्छी शुरूआत की और उनके जवाबी हमले काफी प्रभावी रहे लेकिन कजाखस्तान के मुक्केबाज ने शुरूआती राउंड 3-2 से जीत लिया।

इसके बाद सचिन ने दूसरे राउंड में हमले तेज कर दिये और सही जगह पड़े मुक्कों ने उन्हें अंक दिलाये। विभाजित फैसले से दूसरा राउंड उनके नाम रहा। लेकिन तीसरे राउंड में सचिन ने शानदार तरीके से साबिर को पस्त कर जीत हासिल की।

भारत ने इस तरह अपने अभियान का अंत 11 पदक से किया जिसमें आठ स्वर्ण और तीन कांस्य पदक शामिल थे। इससे भारत तालिका में शीर्ष स्थान पर रहा।

भारत ने टूर्नामेंट के 2018 चरण में दो स्वर्ण, दो रजत और छह कांस्य पदक जीते थे तो इस चरण में यह देश का सुधरा हुआ प्रदर्शन रहा।

गुरूवार को गीतिका (48 किग्रा), बेबीरोजिसाना चानू (51 किग्रा), पूनम (57 किग्रा), विन्का (60 किग्रा), अरूंधति चौधरी (69 किग्रा), थोकचोम सानामाचू चानू (75 किग्रा) और अलफिया पठान (81 किग्रा से अधिक) ने स्वर्ण पदक जीते।

इससे पहले पुरूष ड्रा में एशियाई युवा रजत पदक विजेता अंकित नरवाल (64 किग्रा), बिश्वामिता चोंगथोम (49 किग्रा) और विशाल गुप्ता (91 किग्रा) ने सेमीफाइनल में मिली हार से कांस्य पदक जीता था।

वर्ष 2016 के बाद सचिन पहले भारतीय पुरूष मुक्केबाज हैं जो स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे। उनके ही नाम के समान सचिन सिवाच ने उस चरण में स्वर्ण पदक जीता था।

भारत ने इस साल की प्रतियोगिता में 20 सदस्यीय पुरूष टीम - 10 पुरूष और इतनी ही महिला मुक्केबाज - भेजी थी जिसमें 52 देशों के 414 मुक्केबाजों ने शिरकत की थी।

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