Russia-Ukraine War: जापान के पीएम फुमियो किशिदा ने कहा- यूक्रेन पर रूस के हमले से अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की जड़े हिल गई हैं

संयुक्त बयान में कहा गया कि मोदी और किशिदा ने ‘हिंसा को तुरंत रोकने’ के अपने आह्वान को दोहराया और रेखांकित किया कि संवाद और कूटनीति के अलावा विवाद को सुलझाने का कोई रास्ता नहीं है. उल्लेखनीय है कि यूक्रेन पर हमले को लेकर जापान , रूस का मुखर आलोचक रहा है जबकि भारत विवाद का समाधान सवांद और कूटनीति से करने पर जोर दे रहा है.

जापान के पीएम फुमियो किशिदा (Photo Credits: Facebook)

नयी दिल्ली: जापान (Japan) के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा (Fumio Kishida) ने शनिवार को यूक्रेन (Ukraine) पर रूस (Russia) के हमले को ‘‘बहुत गंभीर’ मामला करार देते हुए कहा कि इससे अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की जड़े ‘हिल’ गई हैं. प्रधानमंत्री किशिदा ने यह टिप्पणी 14वें भारत-जापान शिखर वार्ता (14th India-Japan Summit) के बाद मीडिया से संवाद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की मौजूदगी में की. Russia-Ukraine War: अंतरिक्ष में पहली बार कदम रखने वाले यूरी गागरिन का नाम अंतरिक्ष संगोष्ठी सम्मेलन से हटा, स्पेस फाउंडेशन ने छीना सम्मान

सम्मेलन के बाद यहां जारी संयुक्त बयान में मोदी और किशिदा ने यूक्रेन में हिंसा पर तत्काल रोकने का आह्वान किया और विवाद का समाधान बातचीत के जरिये निकालने पर जोर दिया. दोनों नेताओं ने यूक्रेन के परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा के महत्व को भी रेखांकित किया.

किशिदा ने संवादाताओं से कहा, ‘‘हमने यूक्रेन की स्थिति पर चर्चा की. यूक्रेन पर रूस का हमला गंभीर मुद्दा है और इसने अंतरराष्ट्रीय प्रणाली की जड़े हिला दी हैं. हमें इस मामले को मजबूत संकल्प के साथ देखने की जरूरत है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने मोदी से कहा कि एकतरफा तरीके से बल के जरिये यथास्थिति को बदलने की कोशिश को किसी भी क्षेत्र में अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. हम दोनों सभी विवादों का अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत शांतिपूर्ण तरीके से समाधान करने की जरूरत पर सहमत हुए हैं.’’

संयुक्त बयान में कहा गया कि मोदी और किशिदा ने ‘हिंसा को तुरंत रोकने’ के अपने आह्वान को दोहराया और रेखांकित किया कि संवाद और कूटनीति के अलावा विवाद को सुलझाने का कोई रास्ता नहीं है. उल्लेखनीय है कि यूक्रेन पर हमले को लेकर जापान , रूस का मुखर आलोचक रहा है जबकि भारत विवाद का समाधान सवांद और कूटनीति से करने पर जोर दे रहा है.

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