वार्ता से पहले व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवान ने खुलेआम चीन को आगाह किया कि वह वैश्विक प्रतिबंधों से बचने के लिए रूस की मदद न करें। इन वैश्विक प्रतिबंधों ने रूस की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा, ‘‘हम यह होने नहीं देंगे।’’
चीन का रूस को वित्तीय मदद की पेशकश करना राष्ट्रपति जो बाइडन की कई चिंताओं में से एक है। गोपनीयता की शर्त पर एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि हाल के दिनों में रूस ने चीन से सैन्य उपकरण समेत अन्य मदद मांगी है। इस संबंध में सबसे पहले खबर फाइनेंशियल टाइम्स और द वाशिंगटन पोस्ट ने दी थी।
बाइडन प्रशासन ने चीन पर रूस को लेकर गलत सूचनाएं फैलाने का भी आरोप लगाया है जो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सेना के यूक्रेन पर रासायनिक या जैविक हथियारों से हमला करने के लिए एक बहाना हो सकती है।
बाइडन प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि बीजिंग रूस के इन गलत दावों का प्रचार कर रहा है कि यूक्रेन अमेरिका की मदद से रासायनिक और जैविक हथियारों की प्रयोगशालाएं चला रहा है।
यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से चीन अपने दो सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ नाजुक स्थिति में आ गया है। चीन को इन बाजारों तक पहुंच की जरूरत है लेकिन उसने मॉस्को के प्रति भी समर्थन दिखाया है। उसने कहा है कि रूस के साथ उसकी दोस्ती की ‘‘कोई सीमा नहीं’’ है।
चीन के विदेश नीति के वरिष्ठ सलाहकार यांग जिएची के साथ वार्ता में सुलिवान निश्चित तौर पर इस पर चर्चा करेंगे कि बीजिंग किन सीमाओं तक मॉस्को की मदद करेगा।
वार्ता पर संक्षिप्त टिप्पणियां करते हुए चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने यूक्रेन का जिक्र किए बिना कहा ‘‘इस बैठक का मुख्य मुद्दा पिछले नवंबर में चीन और अमेरिका के राष्ट्राध्यक्षों के वर्चुअल सम्मेलन में बनी अहम आम सहमति को लागू करना है।’’
झाओ ने मंत्रालय की वेबसाइट पर रविवार देर रात पोस्ट किए बयान में कहा, ‘‘वे चीन-अमेरिका संबंधों और परस्पर हितों के अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे।’’
वहीं, व्हाइट हाउस ने कहा कि वार्ता क्षेत्रीय तथा वैश्विक सुरक्षा पर यूक्रेन - रूस युद्ध के प्रत्यक्ष असर पर केंद्रित होगी।
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