जरुरी जानकारी | मजबूत डालर, राजकोषीय चिंता से रुपया चार पैसे गिरकर 74.23 रुपये प्रति डॉलर पर
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. विदेशी बाजारों में डॉलर के मजबूत होने तथा राजकोषीय चिंताओं के चलते विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में मंगलवार को रुपया कारोबार के अंत में चार पैसे की हानि के साथ 74.23 रुपये प्रति डालर पर बंद हुआ।
मुंबई, 29 जून विदेशी बाजारों में डॉलर के मजबूत होने तथा राजकोषीय चिंताओं के चलते विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में मंगलवार को रुपया कारोबार के अंत में चार पैसे की हानि के साथ 74.23 रुपये प्रति डालर पर बंद हुआ।
बाजार विश्लेषकों ने कहा कि घरेलू शेयर बाजार में हानि होने के कारण भी कारोबारी धारणा कमजोर हुई है।
अन्तरबैंक विदेशी विनिमय बाजार में कारोबार की शुरुआत में डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 74.26 पर खुली। पिछले कारोबारी सत्र में यह 74.19 रुपये पर बंद हुई थी। कारोबार के दौरान इसमें 74.20 से 74.28 रुपये प्रति डालर के दायरे में उतार चढ़ाव आने के बाद अंत में रुपया पिछले कारोबारी सत्र के मुकाबले चार पैसे गिरकर 74.23 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
एचडीएफसी सिक्युरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ‘‘घरेलू इक्विटी बाजार में गिरावट और मजबूत डालर से रुपये में गिरावट आई है। इसके साथ ही एशियाई मुद्राओं पर एक बार फिर से कोरोना वायरस के नये स्वरूप का साया दिखने लगा है। इससे राज्यों के स्तर पर एक बार फिर से प्रतिबंध लग सकते हैं।’’
परमार ने कहा, निकट भविष्य में डालर और रुपये की हाजिर विनिमय दर 74 से 74.50 रुपये प्रति डालर के दायरे में रह सकती है।
इस बीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.10 प्रतिशत बढ़कर 91.97 हो गया।
बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक मंगलवार को 185.93 अंक की गिरावट के साथ 52,549.66 अंक पर बंद हुआ।
वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा 0.24 प्रतिशत गिरकर 74.50 डॉलर प्रति बैरल रह गया।
एलकेपी सिक्युरिटीज में वरिष्ठ शोध विश्लेषक जेतीन त्रिवेदी ने कहा, ओपेक तथा साथी देशों की तरफ से कच्चे तेल उत्पादन पर निर्णय को लेकर संकेतों की प्रतीक्षा में रुपया 74.20 रुपये प्रति डालर के आसपास रहा। इस दौरान रुपया 74.05 से लेकर 74.45 रुपये प्रति डालर के दायरे में रहा।
कच्चे तेल के ऊंचे दाम का भी रुपये की विनिमय दर पर असर पड़ रहा है।
राजेश
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