ताजा खबरें | लखीमपुर मामले पर विपक्षी सदस्यों का लोकसभा में हंगामा, कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित
Get latest articles and stories on Latest News at LatestLY. लोकसभा में शुक्रवार को कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक और समाजवादी पार्टी सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग करते हुए भारी हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन बाद अपराह्न करीब 2.25 बजे दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
नयी दिल्ली, 17 दिसंबर लोकसभा में शुक्रवार को कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक और समाजवादी पार्टी सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग करते हुए भारी हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन बाद अपराह्न करीब 2.25 बजे दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
एक बार के स्थगन के बाद जब सदन की कार्यवाही आरंभ हुई तो पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच ही सदन के पटल पर जरूरी कागजात रखवाए। हंगामे के बीच ही सदन में तीन विधेयक भी पेश किये गये।
खेल और युवा मामलों के मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने ‘राष्ट्रीय डोपिंग-रोधी विधेयक, 2021’, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने ‘वन्यजीव (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2021’ और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘चार्टेड एकाउंटेंट्स, लागत एवं संकर्म लेखापाल और कम्पनी सचिव (संशोधन) विधेयक, 2021’ को पेश किया।
सदन में पहले ही पारित ‘सरोगेसी (विनियमन) विधेयक, 2019’ में राज्यसभा द्वारा किये गये संशोधनों को भी शोर-शराबे के बीच मंजूरी दी गयी। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती पवार ने सदन की मंजूरी मांगी थी।
अग्रवाल ने आसन के समीप नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों से कहा कि वे अपने स्थान पर जाएं और सदन चलने दें। हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने अपराह्न दो बजकर करीब 25 मिनट पर कार्यवाही सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले, विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण प्रश्नकाल बाधित रहा।
लोकसभा की कार्यवाही आरंभ होते ही कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के निकट पहुंच गए। कई सदस्यों ने हाथों में तख्तियां भी ले रखी थीं।
अध्यक्ष ओम बिरला ने शोर-शराबे के बीच ही प्रश्नकाल शुरू कराया। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और कुछ अन्य मंत्रालयों से जुड़े पूरक प्रश्न पूछे गए और इन विभागों के संबंधित मंत्रियों ने उत्तर दिए।
बिरला ने नारेबाजी कर रहे सदस्यों को आगाह करते हुए कहा, ‘‘मैं आग्रह कर रहा हूं कि अधिकारियों की कुर्सी पर हाथ नहीं लगाएं। अगर लोकसभा की किसी भी संपत्ति को नुकसान पहुंचा तो इसकी जिम्मेदारी आपकी होगी।’’
उन्होंने सदस्यों से अपने स्थान पर चले जाने के लिए कहा।
बिरला ने कहा, ‘‘आप लोग सदन में तख्तियां लाने की नयी परंपरा मत शुरू करिए...आप सदन नहीं चलाना चाहते, महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाना नहीं चाहते?’’
हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने सुबह 11 बजकर करीब 30 मिनट पर सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा के मामले पर ही बुधवार और बृहस्पतिवार को भी विपक्षी सदस्यों ने सदन में हंगामा किया था जिसके कारण सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई थी।
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