चेन्नई, 25 अप्रैल कोरोना वायरस वैश्विक महामारी की दूसरी लहर से निपटने के लिए तमिलनाडु में रविवार को लागू किए गए पूर्ण लॉकडाउन के दौरान लोग घरों के भीतर रहे और सड़कें सुनसान रहीं।
इस दौरान, राज्य में आवश्यक सेवाओं के लिए आवागमन की अनुमति थी।
करीब सात महीने बाद लागू लॉकडाउन के दौरान शराब के ठेके एवं बार समेत बाजार और सभी खुदरा दुकानें बंद रहीं। रेस्तरां एवं होटल में बैठकर खाने की सुविधा बंद रही, लेकिन लोगों को खाद्य सामग्री खरीदकर ले जाने की सुविधा उपलब्ध कराई गई।
सड़कें एव राजमार्ग सुनसान रहे और केवल पुलिसकर्मियों एवं आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराने वाले वाहनों को सड़कों पर देखा गया। चेन्नई के पोंडी बाजार और टी नगर में मुख्य बाजार बंद रहे।
स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों और सफाईकर्मियों की सेवाएं चालू रहीं। इनके अलावा नगर निकाय कर्मियों का कामकाज भी जारी रहा।
राज्यभर में कम दाम पर भोजन उपलब्ध कराने वाली ‘अम्मा कैंटीन’ का संचालन चालू रहा।
रविवार को शुभ ‘मुहूर्त’ होने के कारण प्रतिबंधों के बीच राज्य के विभिन्न स्थानों पर तिरुवन्नामलाई समेत कई मंदिरों में सीमित मेहमानों के साथ विवाह समारोह आयोजित किए गए।
पुलिस ने राज्य में अहम चौकों पर अवरोधक लगाए। प्रतिबंधों के बावजूद घर से बाहर निकले लोगों से पुलिस ने पूछताछ की और वैध कारणों से निकलने वाले लोगों को आगे जाने की अनुमति दी गई।
पुलिस ने यहां जरूरतमंदों को खाद्य सामग्रियां वितरित कीं।
लॉकडाउन नियमों के उल्लंघन के कारण केवल चेन्नई में कम से कम 60 वाहनों को जब्त किया गया।
इससे पहले, राज्य में अगस्त 2020 के आखिरी सप्ताह में रविवार को लॉकडाउन लागू किया गया था, जिसके बाद प्रतिबंधों में ढील दे दी गई थी।
तमिलनाडु के उपचाराधीन मामलों की संख्या शनिवार को एक लाख के पार पहुंच गई थी।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)