बारिश के कारण क्षतिग्रस्त सड़कों की जल्द से जल्द मरम्मत कराई जाए: मुख्यमंत्री गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य में बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हुई सड़कों की जल्द से जल्द मरम्मत कराई जाए ताकि आम लोग परेशान न हों. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके गृहनगर जोधपुर सहित राज्य के अनेक शहरों-गांवों में सड़कें टूट चुकी हैं और उनकी मरम्मत की जरूरत है.
जयपुर, 1 सितंबर : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य में बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हुई सड़कों की जल्द से जल्द मरम्मत कराई जाए ताकि आम लोग परेशान न हों. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके गृहनगर जोधपुर सहित राज्य के अनेक शहरों-गांवों में सड़कें टूट चुकी हैं और उनकी मरम्मत की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सड़कों की गुणवत्ता के मामले में कोई समझौता नहीं किया जाएगा. गहलोत ने यहां मुख्यमंत्री निवास से राज्य में विभिन्न सड़क परियोजनाओं का ऑनलाइन शिलान्यास और उद्घाटन किया. कार्यक्रम में बताया गया कि क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत के लिए पांच सितंबर से 20 अक्टूबर तक विशेष अभियान चलाया जाएगा. इस मौके पर अपने हाल के जोधपुर दौरे का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा, ‘‘शहरों में (सड़कों की) हालत बहुत खराब होती जा रही है. कल मैं जोधपुर से आया हूं. जोधपुर की सड़कें बर्बाद हो चुकी हैं.
बरसात और बरसात से पहले भी... मुझे कहना पड़ा कि जिन अधिकारियों को यहां रहना है उनको चाहिए कि वे सड़कों को समय पर ठीक करें, उनका रखरखाव करें.’’ गहलोत ने कहा कि जोधपुर ही नहीं राज्य के कई और शहरों में भी यह हालात हैं. सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों से इस ओर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वे इसे इसे चुनौती के रूप में स्वीकार करें. गहलोत ने दावा किया कि पिछले 20 साल में राजस्थान में सड़क नेटवर्क को मजबूत करने के लिए बहुत काम किया गया जबकि प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री के गृह राज्य गुजरात में सड़कों की हालत अब भी खराब है. उन्होंने कहा, ‘‘कोई समय था जब गुजरात की सड़कें, राजस्थान से अच्छी थीं लेकिन अब गुजरात के लोग कहने लगे हैं कि राजस्थान की सड़कें अच्छी हैं. गुजरात में सड़कों की हालत बहुत खराब है.’’ इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने अधिकारियों और अभियंताओं से कहा कि वे सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए प्रभावी योजना बनाने के लिए अपने विवेक का इस्तेमाल करें. यह भी पढ़ें : उज्जैन में किराना व्यापारी की पत्नी ने बेटियों का गला घोटकर फांसी लगाई
गहलोत ने कहा, ‘‘आजकल कई अभियंता व नीचे के अधिकारी ठेकेदार के साझेदार बन जाते हैं और ठेकेदार गुणवत्ता से समझौता करता है. इस बेईमानी के कारण सड़कें इतनी खराब गुणवत्ता की बनती हैं कि बनने के साल-छह महीने में टूट जाती हैं.’’ गहलोत ने कार्यक्रम के दौरान 3,324 करोड़ रुपये की लागत और 3,063 किलोमीटर लंबाई की 113 सड़कों के उन्नयन व पुलों तथा आरओबी निर्माण कार्यों का लोकार्पण व शिलान्यास किया. इस दौरान बजट घोषणाओं से जुड़े 110 कार्यों का शिलान्यास तथा तीन कार्यों का लोकार्पण हुआ. इस अवसर पर सार्वजनिक निर्माण मंत्री भजनलाल जाटव व मुख्य सचिव उषा शर्मा भी मौजूद थीं.