देश की खबरें | दंगा मामला: ताहिर हुसैन ने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय से अंतरिम जमानत मांगी
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के टिकट पर मुस्तफाबाद निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए फरवरी 2020 के दंगों से संबंधित हत्या के एक मामले में शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से अंतरिम जमानत का अनुरोध किया।
नयी दिल्ली, 10 जनवरी आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के टिकट पर मुस्तफाबाद निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए फरवरी 2020 के दंगों से संबंधित हत्या के एक मामले में शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से अंतरिम जमानत का अनुरोध किया।
यह याचिका न्यायमूर्ति अमित शर्मा के समक्ष सूचीबद्ध की गई थी, जिन्होंने स्वयं को इससे अलग कर लिया था। इसके बाद, इसे न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा के समक्ष सूचीबद्ध किया गया, लेकिन इस पर सुनवाई नहीं हो सकी।
हुसैन ने 13 जनवरी को सुनवाई के लिए निर्धारित अपनी याचिका में चुनाव प्रक्रिया में शामिल होने के लिए 14 जनवरी से नौ फरवरी तक का समय मांगा है। इस दौरान उन्हें नामांकन पत्र दाखिल करना होगा, बैंक खाता खोलना होगा और चुनाव प्रचार करना होगा।
अधिवक्ता तारा नरूला की यह अर्जी मामले में हुसैन की लंबित जमानत याचिका के तहत दायर की गई है।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी 2020 को हिंसा हुई थी जिसमें 53 लोग मारे गये थे और कई अन्य घायल हुए थे।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, 26 फरवरी 2020 को शिकायतकर्ता रविंदर कुमार ने दयालपुर पुलिस थाने को सूचित किया था कि उनका बेटा अंकित शर्मा खुफिया ब्यूरो में तैनात था और वह 25 फरवरी, 2020 से लापता है।
यह आरोप लगाया गया कि शर्मा का शव दंगा प्रभावित क्षेत्र खजूरी खास नाले से बरामद किया गया था और उनके शरीर पर चोटों के 51 निशान थे।
हुसैन ने जमानत याचिका में कहा कि उन्होंने चार साल नौ महीने जेल में बिताए हैं और हालांकि मामले में मुकदमा शुरू हो गया है, लेकिन अब तक अभियोजन पक्ष के 114 गवाहों में से केवल 20 की ही अदालत में गवाही हुई है।
हुसैन ने कहा कि उन्हें लंबे समय तक जेल में रहना पड़ा है और क्योंकि कई गवाहों से पूछताछ होनी बाकी है, इसलिए मुकदमा जल्द समाप्त नहीं होगा।
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