देश की खबरें | जीएसटी क्षतिपूर्ति की वर्तमान व्यवस्था को आगामी 10 वर्ष तक जारी रखने का आग्रह

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जीएसटी क्षतिपूर्ति की वर्तमान व्यवस्था को आगामी 10 वर्ष तक जारी रखने का आग्रह किया है। राज्य के जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यहां बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है और वर्तमान व्यवस्था को आगामी 10 वर्ष तक जारी रखने का आग्रह किया है। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में इस बात का भी उल्लेख किया है कि उत्पादक राज्यों को राजस्व की भरपाई की कोई वैकल्पिक स्थाई व्यवस्था केंद्र सरकार द्वारा शीघ्र की जानी चाहिए।

रायपुर, 14 अप्रैल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जीएसटी क्षतिपूर्ति की वर्तमान व्यवस्था को आगामी 10 वर्ष तक जारी रखने का आग्रह किया है। राज्य के जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यहां बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है और वर्तमान व्यवस्था को आगामी 10 वर्ष तक जारी रखने का आग्रह किया है। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में इस बात का भी उल्लेख किया है कि उत्पादक राज्यों को राजस्व की भरपाई की कोई वैकल्पिक स्थाई व्यवस्था केंद्र सरकार द्वारा शीघ्र की जानी चाहिए।

बघेल ने कहा, ‘‘छत्तीसगढ़ जैसे उत्पादक राज्यों के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान बंद किया जाना बड़ा आर्थिक नुकसान है, जबकि उत्पादक राज्य होने के नाते देश की अर्थव्यवस्था के विकास में हमारा योगदान उन राज्यों की तुलना में कहीं अधिक है, जो वस्तुओं व सेवाओं के अधिक उपभोग के कारण जीएसटी कर प्रणाली में लाभान्वित हुए हैं।’’

उन्होंने आगे कहा कि यदि जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान जून 2022 के बाद नहीं दिया जाता है, तो ऐसी स्थिति में छत्तीसगढ़ को आगामी वर्ष में लगभग पांच हजार करोड़ रुपये के राजस्व की हानि संभावित है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार कई अन्य राज्यों को भी आगामी वर्ष राजस्व में कमी का सामना करना होगा, जिससे राज्य में चल रहे जनहित और विकास के कार्यों में राशि की कमी को पूरा करना अत्यंत कठिन होगा।

मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा राज्यों के मुख्यमंत्रियों और वित्त मंत्रियों के साथ दिसंबर 2021 को नयी दिल्ली में आयोजित केंद्रीय बजट 2022 -23 के पूर्व की चर्चा बैठक का भी उल्लेख किया है और कहा है कि छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों ने इस बैठक में जीएसटी अनुदान को बढ़ाए जाने का अनुरोध किया था और राज्यों को इस संबंध में केंद्र सरकार से सकारात्मक निर्णय की अपेक्षा है

बघेल ने कहा है कि जीएसटी कर प्रणाली लागू होने के बाद राज्यों के पास करारोपण के अधिकार अत्यंत सीमित हो गए हैं और वाणिज्य कर के अतिरिक्त अन्य कर राजस्व में बहुत संभावनाएं नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यद्यपि हमारे द्वारा राजस्व के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन कोविड-19 के कारण राज्यों की अर्थव्यवस्था पर दुष्प्रभावों से उबरने तथा जीएसटी कर प्रणाली के वास्तविक लाभ प्राप्त होने तक कम से कम वर्तमान क्षतिपूर्ति अनुदान व्यवस्था को आगामी 10 वर्ष तक जारी रखा जाना चाहिए।’’

अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने उत्पादक राज्यों को राजस्व की भरपाई की कोई वैकल्पिक स्थाई व्यवस्था केंद्र सरकार की ओर से करने की भी अपील की है।

मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई है कि प्रधानमंत्री राज्यों की इस चिंता से सहमत होंगे तथा सहकारी संघवाद की भावना के अनुरूप इस महत्वपूर्ण विषय पर राज्यों के हित में विचार कर इसका समाधान करेंगे।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

संबंधित खबरें

IND vs AUS 3rd Test 2024 Day 4, Brisbane Weather Forecast: भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया तीसरे टेस्ट के चौथे दिन का खेल बिगाड़ेगी बारिश? यहां जानें ब्रिसबेन का पूरे दिन का मौसम का हाल

IND vs AUS 3rd Test 2024 Day 4 Live Streaming: चौथे दिन टीम इंडिया को बड़ी साझेदारी की होगी तलाश, तीसरे टेस्ट में फॉलो-ऑन की ओर धकेलना चाहेगी ऑस्ट्रेलिया, यहां जानें कब, कहां और कैसे देखें लाइव प्रसारण

Cold Wave Alert: कड़ाके की ठंड के साथ खूब सताएगी शीतलहर, कश्मीर से लेकर MP, राजस्थान तक कोल्ड वेव का अलर्ट

IND-W vs WI-W, Dr DY Patil Sports Academy Pitch Stats: वेस्टइंडीज महिला बनाम भारतीय महिला दूसरे टी20 मैच से पहले जानें डॉ. डीवाई पाटिल स्पोर्ट्स अकादमी की पिच रिपोर्ट, रिकॉर्ड्स, मोस्ट रन, विकेट समेत खास आंकड़े

\