IMA के पूर्व अध्यक्ष डॉ केके अग्रवाल का कोरोना से निधन, महामारी में की थी हजारों मरीजों की मदद
डॉ केके अग्रवाल (Photo Credits: Twitter)

नई दिल्ली: पद्मश्री (Padma Shree) से सम्मानित जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. केके अग्रवाल (KK Aggarwal) का कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण निधन हो गया. वह 62 वर्ष के थे.

अग्रवाल के आधिकारिक ट्विटर अकांउट पर एक बयान में यह जानकारी दी गई. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अग्रवाल को पिछले सप्ताह अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में भर्ती कराया गया था और वह वेंटिलेटर पर थे. Delhi में कोरोना की रफ्तार हर दिन पड़ रही है धीमी, बीते 24 घंटे में 4482 नए केस

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अग्रवाल के निधन को समूचे देश के लिए एक बड़ा नुकसान बताया है. केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘डॉ. केके अग्रवाल का निधन पूरे देश के लिए बड़ी क्षति है. उन्होंने जीवन भर गरीबों, वंचितों के स्वास्थ्य अधिकारों के लिए काम किया. वह बहुत अच्छे इंसान थे.’’

ट्विटर पर पोस्ट एक बयान के अनुसार, ‘‘कोविड-19 से लंबी लड़ाई लड़ने के बाद’’ सोमवार देर रात साढ़े 11 बजे अग्रवाल ने अंतिम सांस ली.

बयान में कहा गया, ‘‘वैश्विक महामारी के दौरान भी उन्होंने लोगों को शिक्षित करने के लगातार प्रयास किए, वह कई वीडियो तथा शैक्षिक कार्यक्रमों के जरिए करीब 10 करोड़ लोगों तक पहुंचे और अनेक लोगों की जान बचाई. वह चाहते थे कि उन्हें खुश होकर याद किया जाए, दुखी होकर नहीं.’’ केके अग्रवाल के परिवार में उनकी पत्नी डॉ. वीणा अग्रवाल, पुत्र निलेश और बेटी नैना हैं.

अग्रवाल को 2010 में देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री से नवाजा गया था. वह डॉ बी सी रॉय पुरस्कार से भी सम्मानित किए गए थे. हाथ से सीपीआर देकर जीवनरक्षक तकनीक में अधिकतम लोगों को प्रशिक्षण देने के लिए अग्रवाल का नाम ‘लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड’ में दर्ज हुआ था. अग्रवाल का जन्म पांच सितंबर 1958 में दिल्ली में हुआ था.

अग्रवाल ने नागपुर विश्वविद्यालय के तहत एमजीआईएमएस, सेवाग्राम से एमबीबीएस की पढ़ाई की थी. आईएमए ने अग्रवाल के निधन को ‘‘अप्रत्याशित और गहरा नुकसान’’ बताया है. आईएमए ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘डॉ. केके अग्रवाल बहुत बड़ी शख्सियत थे और जन शिक्षा और जागरूकता के क्षेत्र में उन्होंने महत्वपूर्ण काम किया. महामारी के दौरान भी हम सबका मार्गदर्शन करते हुए उन्होंने लाखों लोगों की सेवा की. उनके जाने से आईएमए को अपूरणीय क्षति हुई है.’’

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