
लाहौर, 10 जून पाकिस्तान में धार्मिक चरमपंथियों ने अहमदिया अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को कम से कम सात शहरों में ईद की नमाज अदा करने से कथित तौर पर रोक दिया।
पंजाब में पुलिस ने ईद-उल-अजहा (बकरीद) के दौरान पशुओं की कुर्बानी देने का प्रयास करने के आरोप में दो अहमदिया लोगों को गिरफ्तार किया तथा तीन अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया।
जमात-ए-अहमदिया पाकिस्तान (जेएपी) ने दावा किया कि कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी - तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) ने भी दो अहमदिया लोगों को अपनी धार्मिक मान्यता को त्यागने के लिए मजबूर किया, जिन्होंने भीड़ द्वारा मारे जाने के डर से वैसा ही किया।
हाल के महीनों में, धार्मिक चरमपंथियों का समूह अहमदिया समुदाय के सदस्यों को उनके उपासना स्थलों पर शुक्रवार की नमाज अदा करने से रोक रहा है।
जेएपी के अनुसार, अहमदिया लोगों को खुशाब, मीरपुर खास, लोधरान, भक्कर, राजनपुर, उमरकोट, लरकाना और कराची में ईद की नमाज अदा करने से रोक दिया गया।
उसने कहा कि धार्मिक चरमपंथियों ने स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर अहमदिया समुदाय को उनके उपासना स्थलों के भीतर ईद की नमाज़ अदा करने से रोक दिया।
उसने कहा कि लाहौर के सबसे पुराने अहमदी उपासना स्थल ग़री शाहू को शनिवार को ईद के दिन टीएलपी कार्यकर्ताओं ने घेर लिया और पुलिस से इसे सील करने की मांग की। उसने कहा कि पुलिस ने उनके आह्वान पर कार्रवाई करते हुए अहमदिया उपासना स्थल को सील कर दिया।
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