देश की खबरें | रिलायंस जियो ने अदालत का रुख किया, टावरों को नुकसान पहुंचाने वालों पर कार्रवाई का अनुरोध किया

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एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

चंडीगढ़, चार जनवरी रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड ने सोमवार को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का रुख कर उसकी नेटवर्क अवसंरचना को नुकसान पहुंचाने और उसके स्टोर को जबरदस्ती बंद कराने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई किये जाने का अनुरोध किया।

कंपनी ने मामले में पंजाब राज्य (को उसके मुख्य सचिव के जरिये), केंद्रीय गृह मंत्रालय और दूरसंचार विभाग को प्रतिवादी बनाया है।

एक दीवानी याचिका में रिलायंस इंडस्ट्रीज की सहायक कंपनी ने उपद्रवियों द्वारा उसके खिलाफ चलाये जा रहे ‘‘निहित स्वार्थ और निरंतर दुष्प्रचार अभियान’’ की जांच के लिए प्रतिवादियों को उचित दिशा-निर्देश देने का अनुरोध किया।

यह याचिका वकील आशीष चोपड़ा के माध्यम से दायर की गई थी, इसके तत्काल सुनवाई के लिए मंगलवार को सूचीबद्ध होने की संभावना है।

याचिका में, कंपनी ने कहा है कि पंजाब में कुछ उपद्रवियों द्वारा पिछले कुछ हफ्तों में, उसके 1,500 से अधिक दूरसंचार टावर क्षतिग्रस्त या निष्क्रिय कर दिए गये जिससे मोबाइल नेटवर्क बाधित हो गया है।

इसमें कहा गया है कि उसके केन्द्रों और स्टोर को भी उपद्रवियों द्वारा ‘‘अवैध बल और धमकी’’ का इस्तेमाल कर जबरदस्ती बंद कराया गया।

याचिकाकर्ता ने कहा कि उसके ग्राहकों को अन्य नेटवर्क पर ‘पोर्ट’ करने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जबकि उसके कर्मचारियों के जीवन के लिए गंभीर खतरा है।

याचिका के अनुसार याचिकाकर्ता और उसकी मूल कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रति कुछ लोग ऐसी झूठी अफवाह फैलाने में लगे हुए हैं कि याचिकाकर्ता और उसके सहयेागियों को हाल में संसद द्वारा पारित कृषि कानूनों से फायदा होगा।

याचिका में कहा गया है कि निहित स्वार्थों द्वारा चलाए जा रहे दुष्प्रचार अभियान के कारण उपद्रवियों द्वारा याचिकाकर्ता का व्यवसाय और उसकी संपत्तियों को निशाने पर लिया जा रहा है। निहित स्वार्थों और उपद्रवियों की अवैध गतिविधियों के परिणामस्वरूप, पंजाब में याचिकाकर्ता के बुनियादी ढांचे को गंभीर नुकसान पहुंचा है, जिससे सैकड़ों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

कंपनी ने इससे होने वाले नुकसान के आकलन के लिए ‘पंजाब प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक एंड प्राइवेट प्रॉपर्टी एक्ट’ के तहत एक सक्षम प्राधिकरण के गठन का भी अनुरोध किया।

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