देश की खबरें | आयुष्मान भारत में पंजीकरण से कैंसर के उपचार की समय पर शुरुआत के आंकड़े सुधरे: अध्ययन
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. भारत के राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम- आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) के तहत पंजीकरण से कैंसर का उपचार समय पर शुरू होने के मामले में 33 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह बात एक अध्ययन से सामने आयी है।
नयी दिल्ली, 23 दिसंबर भारत के राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम- आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) के तहत पंजीकरण से कैंसर का उपचार समय पर शुरू होने के मामले में 33 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह बात एक अध्ययन से सामने आयी है।
अनुसंधानकर्ताओं ने अपने अध्ययन से यह पाया कि 2018 में इस योजना के शुरू होने के बाद से कैंसर से पीड़ित रोगियों में 30 दिनों के भीतर समय पर उपचार शुरू होने की संभावना 1995 और 2017 के बीच जांच के बाद सामने आये रोगियों की तुलना में 36 प्रतिशत अधिक थी।
अनुसंधानकर्ताओं में स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (पीजीआईएमईआर), चंडीगढ़ के अनुसंधानकर्ता भी शामिल थे।
‘द लैंसेट रीजनल हेल्थ साउथईस्ट एशिया’ में प्रकाशित निष्कर्षों से पता चला कि ‘‘पीएम-जेएवाई के लागू होने के परिणामस्वरूप कैंसर का उपचार समय पर शुरू होने के आंकड़े में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है।’’
शोधकर्ताओं ने तमिलनाडु, महाराष्ट्र और दिल्ली जैसे छह राज्यों के ‘‘चयनित सात प्रमुख कैंसर देखभाल अस्पतालों’’ से अक्टूबर 2020 और मार्च 2022 के बीच भर्ती किए गए लगभग 6,700 कैंसर रोगियों की प्रतिक्रियाओं का विश्लेषण किया।
वर्ष 2018 में विकसित और ब्रिटिश मेडिकल जर्नल ओपन में प्रकाशित एक अध्ययन में वर्णित प्रोटोकॉल ‘नेशनल कैंसर डेटाबेस फॉर कॉस्ट एंड क्वालिटी ऑफ लाइफ’ के तहत रोगियों का स्वास्थ्य देखभाल लागत और जीवन की गुणवत्ता सहित कई पहलुओं पर साक्षात्कार किया गया।
जांच के उपरांत रोग का पता चलने के बाद कैंसर उपचार शुरू करने से पहले की सामान्य अवधि 20 दिन पाई गई।
अनुसंधानकर्ताओं ने लिखा, ‘‘हमारा अध्ययन एबी पीएम-जेएवाई कैंसर पैकेजों का विस्तार करके लागत प्रभावी उपचारों को शामिल करने, जांच कार्यक्रमों के तहत जनसंख्या कवरेज बढ़ाने और अज्ञात कैंसर चरणों के कारण उपचार शुरू होने में देरी को दूर करने के लिए जांच सेवाओं से जुड़ी वित्तीय बाधाओं को कम करने के लिए ई-रुपी को बढ़ावा देने की सिफारिश करता है।’’
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