जरुरी जानकारी | चालू वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी में आएगी 10.9 प्रतिशत की गिरावट : एसबीआई इकोरैप

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की शोध रिपोर्ट-इकोरैप में अनुमान लगाया गया है कि चालू वित्त वर्ष 2020-21 में भारत के वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 10.9 प्रतिशत की गिरावट आएगी। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही अप्रैल-जून में देश की अर्थव्यवस्था में रिकॉर्ड 23.9 प्रतिशत की गिरावट आई है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 5.2 प्रतिशत रही थी।

मुंबई, एक सितंबर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की शोध रिपोर्ट-इकोरैप में अनुमान लगाया गया है कि चालू वित्त वर्ष 2020-21 में भारत के वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 10.9 प्रतिशत की गिरावट आएगी। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही अप्रैल-जून में देश की अर्थव्यवस्था में रिकॉर्ड 23.9 प्रतिशत की गिरावट आई है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 5.2 प्रतिशत रही थी।

इससे पहले एसबीआई-इकोरैप में वास्तविक जीडीपी में 6.8 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया गया था। बीते वित्त वर्ष की चौथी जनवरी-मार्च की तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 3.1 प्रतिशत रही थी।

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शोध रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘हमारे शुरुआती अनुमान के अनुसार चालू वित्त वर्ष की चारों तिमाहियों में वास्तविक जीडीपी में गिरावट आएगी। पूरे वित्त वर्ष में जीडीपी में 10.9 प्रतिशत की गिरावट आएगी।’’

रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में वास्तविक जीडीपी में 12 से 15 प्रतिशत की गिरावट आएगी। तीसरी तिमाही में यह -5 से -10 प्रतिशत के बीच रहेगी। इसी तरह चौथी तिमाही में वास्तविक जीडीपी में दो से पांच प्रतिशत की गिरावट आएगी।

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रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 का प्रसार रोकने के लिए देश में 25 मार्च, 2020 से राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगाया गया, जिससे जीडीपी में गिरावट आई। हालांकि, यह गिरावट बाजार और उसके अनुमान से कहीं अधिक है।

रिपोर्ट कहती है कि जैसा कि अनुमान था कि निजी अंतिम उपभोग खर्च (पीएफसीई) की वृद्धि में जोरदार गिरावट आई। कोविड-19 की वजह से लागू अंकुशों से ज्यादातर आवश्यक वस्तुओं का उपभोग घटा। एसबीआई इकोरैप के अनुसार क्षमता का पूरा इस्तेमाल नहीं होने की वजह से निवेश मांग नहीं सुधर रही है। ऐसे में कुल जीडीपी अनुमान में निजी उपभोग व्यय का हिस्सा ऊंचा रहेगा।

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