Delhi: आरबीआई स्व-नियामक संगठनों को मान्यता देने के लिये रूपरेखा जारी करेगा
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अपने दायरे में आने वाले संस्थानों के लिये स्व नियामक संगठनों (एसआरओ) को मान्यता देने को लेकर एक व्यापक रूपरेखा जारी करेगा।
नयी दिल्ली, 6 अक्टूबर: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अपने दायरे में आने वाले संस्थानों के लिये स्व नियामक संगठनों (एसआरओ) को मान्यता देने को लेकर एक व्यापक रूपरेखा जारी करेगा. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए कहा, ‘‘केंद्रीय बैंक ने नियमन के दायरे में आने वाले संस्थानों के लिये एसआरओ को मान्यता देने को लेकर व्यापक रूपरेखा जारी करने का निर्णय किया है.’’ एसआरओ एक गैर-सरकारी संगठन है। यह ग्राहकों के हितों की रक्षा और नैतिकता और पेशेवर रुख को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उद्योग (सदस्य इकाइयों) में कामकाज से संबंधित नियमों और मानकों को निर्धारित और लागू करता है.
रिजर्व बैंक ने अपने सदस्यों के बीच अनुपालन संस्कृति को मजबूत करने और नीति निर्माण के लिये एक परामर्श मंच प्रदान करने में स्व-नियामक संगठनों की संभावित भूमिका को देखते हुए यह कदम उठाने का फैसला किया है. आरबीआई की व्यापक एसआरओ रूपरेखा विभिन्न उद्देश्यों, कार्यों, पात्रता मानदंड, संचालन मानकों आदि को निर्धारित करेगी. यह किसी भी क्षेत्र से जुड़े एसआरओ के लिए समान होगा.
केंद्रीय बैंक ऐसे एसआरओ को मान्यता देने के लिये आवेदन आमंत्रित करते समय क्षेत्र से संबंधित अतिरिक्त शर्तें निर्धारित कर सकता है.
उल्लेखनीय है कि गवर्नर दास ने हाल ही में वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों के लिये स्व-नियामक संगठन की बात कही थी. एसआरओ निगरानी निकाय के रूप में कार्य कर सकता है और सदस्यों को जिम्मेदार और उपयुक्त गतिविधियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है. यह नियामक और बाजार प्रतिभागियों के बीच एक संपर्क प्रदान कर सकता है. आरबीआई एसआरओ के लिये व्यापक रूपरेखा पर संबंधित पक्षों की राय जानने के लिये मसौदा जारी करेगा।
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