ताजा खबरें | बजट की प्रति सदन के पटल पर रखे जाने के बाद राज्यसभा की बैठक कल तक के लिए स्थगित
Get latest articles and stories on Latest News at LatestLY. राज्यसभा में मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 के लिए बजट की प्रति और संबंधित दस्तावेज सदन के पटल पर रखे जिसके बाद जिसके बाद उच्च सदन की कार्यवाही दोपहर एक बज कर 55 मिनट पर बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
नयी दिल्ली, 23 जुलाई राज्यसभा में मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 के लिए बजट की प्रति और संबंधित दस्तावेज सदन के पटल पर रखे जिसके बाद जिसके बाद उच्च सदन की कार्यवाही दोपहर एक बज कर 55 मिनट पर बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
उच्च सदन की बैठक आज लोकसभा में आम बजट 2024-25 पेश किए जाने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद एक घंटे बाद, अपराह्न एक बज कर 30 मिनट पर प्रारंभ हुई।
आसन की अनुमति से वित्त मंत्री सीतारमण ने 2024-25 के लिए बजट की प्रति, राजकोषीय नीति विवरण 2024-25 तथा जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के लिए बजट 2024-25 की प्रति सदन के पटल पर रखी। वित्त मंत्री ने जब इन दस्तावेजों को सदन के पटल पर रखा तो विपक्ष के कई सदस्य नारेबाजी और हंगामा कर रहे थे।
इसके बाद अपराह्न एक बज कर करीब 55 मिनट पर सभापति ने बैठक को कल पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
इससे पहले सभापति ने 22 जुलाई को कांग्रेस सदस्य दिग्विजय सिंह द्वारा नियम 238 के तहत व्यवस्था का प्रश्न उठाए जाने का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जब सिंह व्यवस्था का प्रश्न उठा रहे थे तब उनकी ही पार्टी के सदस्य जयराम रमेश अपने स्थान पर बैठ कर कुछ कह रहे थे।
सभापति ने कहा कि रमेश ने जो कहा वह नियमों के अनुकूल नहीं होने की वजह से, कार्यवाही से निकाल दिया गया। सभापति ने इस बात पर भी नाखुशी जताई कि रमेश उनकी अनुमति लिए बिना ही बोल रहे थे।
धनखड़ ने कहा कि लंबे संसदीय अनुभव और मंत्री पद के अनुभव के बाद सदस्य का इस तरह का आचरण उचित नहीं है।
सभापति ने कहा ‘‘यह बहुत ही गंभीर पहलू है। मैंने बार बार सदन के सदस्यों से अनुशासन का पालन तथा संयंमित आचरण करने की अपील की है।’’
सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा ‘‘आसन ने व्यवस्था दी है कि हमें सदन में नियमों का पालन करना है। आपने यह भी बार बार याद दिलाया है कि सदन के नेता तथा विपक्ष के नेता दोनों को ही मर्यादा का पालन करना है और दोनों का बराबर महत्व है।’’
खरगे ने कहा कि विपक्ष के नेता को हालांकि अपनी बात रखने का मौका कम ही मिल पाता है। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष की ओर से गलत बात कहने पर उसका प्रतिवाद करने का अधिकार विपक्ष के पास भी होना चाहिए।
सभापति ने इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से नोटिस दाखिल करने के लिए व्यवस्था किए जाने का जिक्र भी किया और सदस्यों से सुझाव आमंत्रित किए। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से नोटिस जमा कराने के लिए एक सहायता डेस्क बनायी गयी है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)