देश की खबरें | राज्यसभा चुनाव: कांग्रेस ने गुजरात के विधायकों को राजस्थान ले जाने की योजना टाली

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अहमदाबाद, नौ जून कांग्रेस ने राज्यसभा चुनाव से पहले गुजरात के अपने विधायकों को राजस्थान ले जाने की योजना मंगलवार को टाल दी । पार्टी के नेताओं ने यह जानकारी दी है।

गुजरात की चार राज्यसभा सीटों के लिए 19 जून को चुनाव होने हैं। इससे पहले कांग्रेस के कुछ विधायक इस्तीफा दे चुके हैं।

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कांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि कुछ विधायक वहां नहीं पहुंच पाए जहां उन्हें एकत्रित होना था जबकि अन्य विधायक अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में ही फंसे रहे।

उन्होंने कहा कुछ विधायक सौराष्ट्र के राजकोट में जबकि कुछ राजस्थान के अबू रोड में जमा हुए।

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इससे पहले कांग्रेस सूत्रों ने कहा था कि भाजपा की ''खरीद-फरोख्त'' की कोशिशों के चलते अपने सभी 65 विधायकों को राजस्थान ले जाने की योजना है।

उन्होंने बताया कि शनिवार को आणंद के उमेटा में एक फार्महाउस में आयोजित बैठक के बाद, मध्य गुजरात के पांच कांग्रेस विधायक कार्यक्रम स्थल से चले गए। इनमें से बोरसाड से विधायक राजेंद्र सिंह परमार और आणंद के कांति सोढ़ा परमार ने बताया कि वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों में हैं।

वहीं बालासिनोर से विधायक अजित सिंह चौहान ने कहा कि वह महिसागर जिले में अपने घर जा रहे हैं और कुछ काम पूरा करके वापस लौट आएंगे।

वलसाड से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गौरव पांड्या ने कहा कि दक्षिण गुजरात के चार कांग्रेस विधायकों में से दो विधायक वलसाड में एक जगह पर हैं जबकि दो अन्य विधायक अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में हैं और उनके बाद में पहुंचने की उम्मीद है।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष परेश धनानी ने कहा, ''सौराष्ट्र क्षेत्र के लगभग 19 विधायक एक साथ राजकोट में हैं जबकि उत्तरी गुजरात के विधायक राजस्थान में अंबाजी के निकट अबू रोड चले गए हैं क्योंकि वह इलाका उनके निर्वाचन क्षेत्रों के करीब है।''

उन्होंने कहा कि पार्टी के विधायक अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों के पास विभिन्न स्थानों पर एकत्र हुए हैं और कई अन्य बाद में शामिल होंगे।

कांग्रेस के गुजरात मामलों के प्रभारी राजीव सातव ने कहा, ''विधायक अपनी सहूलियत के अनुसार अलग-अलग समूहों में एक-दूसरे से जुड़कर उन दो सीटों पर जीत हासिल करने की रणनीति बना रहे हैं, जिन पर हमने उम्मीवार उतारे हैं। विधायक अलग-अलग जगह पर हैं। उन्हें एक जगह लाने की अभी कोई योजना नहीं है। हमारे पास राज्यसभा चुनाव की रणनीति बनाने के लिये अब भी दस दिन हैं।''

राज्यसभा की चार में से दो सीटों के लिए कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता शक्तिसिंह गोहिल और भरतसिंह सोलंकी को मैदान में उतारा है, लेकिन आठ विधायकों के इस्तीफे के बाद अब दोनों सीटें जीतने के लिए उसके पास विधायकों का समर्थन कम हो गया है। आठ में से पांच विधायकों ने मार्च में जबकि तीन विधायकों ने कुछ दिन पहले ही इस्तीफा दिया है।

फिलहाल गुजरात विधान सभा में 172 सदस्य हैं, जिनमें कांग्रेस के 65 और भाजपा के 103 विधायक हैं।

सत्तारूढ़ भाजपा ने अभय भारद्वाज, रमीलाबेन बारा और नरहरि अमीन को मैदान में उतारा है।

निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी ने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को समर्थन देने का फैसला किया है जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के एक विधायक और भारतीय ट्राइबल पार्टी के दो विधायकों के वोट काफी महत्वपूर्ण रहने वाले हैं।

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