राजनाथ ने जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों का किया दौरा, एलओसी पर सुरक्षा स्थिति का लिया जायजा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती जिलों राजौरी और पुंछ का दौरा किया और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
जम्मू, 27 दिसंबर : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती जिलों राजौरी और पुंछ का दौरा किया और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सिंह ने दोनों जिलों में आतंकवाद निरोधक अभियानों का प्रत्यक्ष आकलन भी किया. रक्षा मंत्री का दौरा 21 दिसंबर को पुंछ के सुरनकोट इलाके में आतंकवादियों द्वारा सेना के वाहनों पर घात लगाकर किए गए हमले में चार सैनिकों के शहीद होने के लगभग एक हफ्ते बाद हो रहा है.
रक्षा मंत्री बुधवार की दोपहर जम्मू पहुंचने के तुरंत बाद सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी तथा उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ राजौरी जिले के लिए रवाना हो गए. अधिकारियों ने बताया कि राजौरी से लौटने पर सिंह राजभवन गए और बंद कमरे में सुरक्षा समीक्षा बैठक की. उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री को मौजूदा सुरक्षा स्थिति, घुसपैठ रोधी प्रणाली और अभियान की तैयारियों के बारे में जानकारी दी गई.
अधिकारियों ने बताया कि सिंह ने जमीन पर तैनात कमांडर के साथ परिचालन चुनौतियों से जुड़े पहलुओं पर चर्चा की. उन्होंने अभियान के दौरान पेशेवर आचरण और उचित कर्मठता का आह्वान किया. सिंह ने केंद्र शासित प्रदेश में विकास का नया युग लाने के लिए अनुकूल सुरक्षा वातावरण में सुधार की दिशा में दृढ़ संकल्प का स्पष्ट संदेश देने में सुरक्षा बलों, असैन्य प्रशासन, जम्मू कश्मीर पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के बीच उच्च स्तर के तालमेल पर संतोष व्यक्त किया.
उन्होंने भारत सरकार द्वारा लोगों को मुख्यधारा में शामिल करने के प्रयासों के प्रति स्थानीय लोगों की दृढ़ता और योगदान की सराहना भी की. बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि राष्ट्र की बेहतरी के लिए विचार प्रक्रिया, संरेखण और सामूहिक संकल्प में एकता केंद्र शासित प्रदेश में शांति और विकास की साझा आकांक्षाओं की प्राप्ति के लिए सबसे महत्वपूर्ण आधार है. सेना प्रमुख जनरल पांडे ने 25 दिसंबर को राजौरी-पुंछ सेक्टर का दौरा किया था. उन्होंने सेना के सभी अधिकारियों और जवानों को चुनौतियों के खिलाफ दृढ़ रहने और पेशेवर तरीके से अपने अभियानों को चलाने के लिए प्रोत्साहित किया था.
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