जोधपुर, 15 फरवरी : राजस्थान उच्च न्यायालय ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का हवाला देते हुए राज्य सरकार से ट्रांसजेंडरों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने को कहा है. न्यायमूर्ति मदन गोपाल व्यास और न्यायमूर्ति मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव की पीठ ने राजस्थान सरकार को यह निर्देश दिया. साथ ही पीठ ने राज्य सरकार की इस दलील को खारिज कर दिया कि नौकरियों में आरक्षण देने या नहीं देने का फैसला, राज्य का विशेषाधिकार है.
जोधपुर पीठ ने सरकार को राज्य की सरकारी नौकरियों में ट्रांसजेंडरों के लिए आरक्षण तय करने और चार महीने के भीतर इससे संबंधित अन्य तौर-तरीकों को निर्धारित करने का आदेश दिया. यह भी पढ़ें : Uttar Pradesh: ‘वैलेंटाइन डे’ पर जोड़ों से बदसलूकी के आरोप में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज
उच्च न्यायालय ने पुलिस उप-निरीक्षक बनने की इच्छा रखने वाले और इससे संबंधित भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने वाले ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्य की याचिका पर अपना यह फैसला सुनाया.