देश की खबरें | राहुल गांधी ने लद्दाख में चीन सीमा मुद्दा उठाया
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करगिल, 25 अगस्त कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सीमा मुद्दा उठाते हुए शुक्रवार को कहा कि लद्दाख में हर व्यक्ति जानता है कि चीन ने "हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया है" और दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का इस बात पर जोर देना कि एक इंच जमीन भी नहीं गई, "बिलकुल गलत" है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गांधी की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच बुधवार को जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन के मौके पर बातचीत हुई। यह बातचीत पहले से तय औपचारिक द्विपक्षीय बैठक नहीं थी, बल्कि अनौपचारिक थी।
गांधी ने लद्दाख के अपने नौ दिवसीय दौरे के आखिरी दिन यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैंने पिछले सप्ताह अपनी मोटरसाइकिल पर पूरे लद्दाख का दौरा किया…लद्दाख एक रणनीतिक स्थान है और जब मैं पैंगोंग झील क्षेत्र में था, तो एक बात स्पष्ट थी कि चीन ने हजारों किलोमीटर भारतीय भूमि पर कब्जा कर लिया है। दुर्भाग्य से, प्रधानमंत्री एक बैठक के दौरान बयान देते हैं कि हमारी एक इंच भी जमीन नहीं छीनी गई, जो 'बिलकुल झूठ' है।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘लद्दाख का हर व्यक्ति जानता है कि चीन ने हमारी जमीन छीन ली है और प्रधानमंत्री सच नहीं बोल रहे हैं।’’
यह दूसरी बार है जब कांग्रेस नेता गांधी ने अपने लद्दाख दौरे के दौरान चीन सीमा मुद्दे को उठाया है।
पिछले रविवार को गांधी ने दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यह कथन कि लद्दाख की एक इंच जमीन पर भी चीन ने कब्जा नहीं किया है, सच नहीं है।
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बृहस्पतिवार को कहा कि मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर बातचीत के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ‘‘अनसुलझे’’ मुद्दों के संबंध में भारत की चिंताओं से अवगत कराया। क्वात्रा के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखना और एलएसी का सम्मान करना भारत-चीन संबंधों को सामान्य बनाने के लिए आवश्यक है।
मई, 2020 में पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध शुरू होने के बाद भारत और चीन के बीच संबंध में तनाव उत्पन्न हो गया। भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में कुछ स्थानों पर गतिरोध बना हुआ है, जबकि दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है।
जनसभा के दौरान, गांधी ने लेह आधारित एपेक्स बॉडी और करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) को समर्थन भी दिया, जो संविधान की छठी अनुसूची के तहत पूर्ण राज्य का दर्जा पाने और सुरक्षा उपायों के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
गांधी ने कहा कि उनकी पार्टी भाजपा को केंद्रशासित प्रदेश की संसाधन संपन्न भूमि उसके कॉर्पोरेट मित्र को नहीं सौंपने देगी।
कांग्रेस नेता ने कहा कि लोगों ने उन्हें राजनीतिक प्रतिनिधित्व, भूमि, संस्कृति और के लिए सुरक्षा उपायों, बेरोजगारी, काम न कर रहे करगिल हवाई अड्डे और सेल फोन कवरेज की समस्या के बारे में बताया।
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